Uttarakhand News: कहते हैं कि जल ही जीवन है, मगर जीवन देने वाला यही जल इन दिनों उत्तराखंड के पहाड़ी हिस्सों में आफत बनकर बरस रहा है. पहाड़ों में हो रही भारी बारिश की वजह से यहां जन जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. पहाड़ी से मलबा और पत्थर आने पर बद्रीनाथ-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग (Badrinath-Rishikesh National Highway) बदहाल बना हुआ है. हाईवे पर अभी भी भारी वाहनों की आवाजाही थमी हुई है. उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) जिले में इन दिनों आसमान से बारिश आफत बनकर बरस रही है जिसकी वजह से यहां के लोगों की मुसीबतें बढ़ने लगी हैं. 


किसी तरह बची लोगों की जान
बद्रीनाथ हाइवे पर कालेश्वर में सड़क से आये मलबे ने लोगों को बेचैन कर दिया है. घटना बीती रात दो बजे की है जब लोग रात को गहरी नींद में सो रहे थे तभी अचानक वहां के लोगों को आवाज सुनाई दी. लोगों ने जैसे-तैसे घरों से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई लेकिन घर में रखा सामान खराब हो गया. लोगों ने ऑल वेदर सड़क योजना का कार्य कर रही कम्पनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार कम्पनी को शिकायत भी की गई लेकिन उन्होंने ग्रामीणों की एक नहीं सुनी.




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बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल
झमाझम हो रही बारिश के कारण चमोली जिले के अन्तर्गत बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल हो गया है. पहाड़ों से आया मलबा और पानी सड़क पर इस तरह से बह रहा है मानो नदियां सड़क पर बह रही हों. लंगासु से लेकर कर्णप्रयाग तक बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सात से अधिक स्थानों में बदहाल बना हुआ है. कर्णप्रयाग के  गांधीनगर में तो हाइवे का एक हिस्सा टूटकर पिण्डर नदी में बह जाने से सड़क आधे से भी कम बची हुई है जिससे इस स्थान पर सिर्फ छोटी ही गाड़ियां पास हो पा रही हैं. हाइवे पर जगह जगह ट्रक खड़े होने के कारण जाम भी लग रहा है. 




सफर करना खतरे से खाली नहीं
लुधियाना से हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए एक तीर्थयात्री ने बताया कि सड़क मार्ग पर हर पल खतरा बना हुआ है, लोग कम से कम यात्रा पर आए. पहाड़ी से मलवा पत्थर गिरने का खतरा हर पल बना हुआ है. बता दें कि, पहाड़ो में इन दिनों हो रही बारिश से यहां दुश्वारिया कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब लोगों को ध्यान रखना जरूरी है कि बरसाती सीजन में कम से कम पहाड़ों की ओर रुख करें अन्यथा भारी बारिश के बीच सफर करना आपके लिए किसी खतरे से खाली नहीं होगा.


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