Kartik Purnima 2019: घाटों पर छाई रौनक, आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु; जानिए- कार्तिक माह का महत्व
Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर वाराणसी से लेकर प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा जगह-जगह घाटों पर रौनक छाई हुई है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे हैं। जानिए- कार्तिक माह का महत्व
प्रयागराज/वाराणसी/मथुरा, एबीपी गंगा। देशभर में आज पूरे हर्षोल्लास के साथ कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ये पूरा महीना भगवान विष्णु का प्रिय होता है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करने का बड़ा महत्व है। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते हैं और पापों की मुक्ति की कामना करते हैं। तीर्थ स्थलों पर भक्तों का तांता लगा रहता है। घाटों पर रौनक रहती हैं और स्नान के साथ दीप-दान करना भी शुभ होता है। इस अवसर पर लोग गौ दान भी करते हैं। शिव की नगरी वाराणसी से लेकर, प्रयागराज और राम मंदिर पर फैसला आने के बाद कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं हर्षोल्लास के साथ आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर संगम नगरी प्रयागराज में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है। दूर-दूर से आये हजारों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम की धारा में डुबकी लगाने के बाद सूर्य को अर्ध्य दे रहे हैं और भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना कर साल भर अपने परिवार के निरोग रहने की कामना कर रहे हैं। संगम पर सूरज की पहली किरण निकलने से पहले ही हजारों श्रद्धालु इकट्ठे हो गए थे। कई घाटों पर तो तिल रखने की भी जगह नहीं बची। ग्रह नक्षत्रों के दुर्लभ संयोग की वजह से इस बार कार्तिक पूर्णिमा के स्नान का विशेष महत्व है। प्रयागराज नामकरण के बाद संगम नगरी की आज दूसरी कार्तिक पूर्णिमा है।
संगम आने वाले श्रद्धालु स्नान और पूजा-अर्चना के साथ ही दान-पुण्य भी कर रहे हैं। मान्यताओं के मुताबिक, कार्तिक पूर्णिमा के ही दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ था, जबकि स्रष्टि के पालनहार भगवान विष्णु ने आज ही के दिन मत्स्यावतार रूप धारण किया था। इस कारण कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और पूजा अर्चना करने वाले को अक्षय पुण्य और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है। इसी वजह से संगम नगरी प्रयागराज में त्रिवेणी की धारा में स्नान करने वालो की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। संगम समेत प्रयागराज के तमाम घाटों पर आज शाम को देव दीपावली भी धूम- धाम से मनाई जाएगी।
उधर, शिव की नगरी वाराणसी में भी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्नानार्थियों का जमघट लगा हुआ है। दशाश्वमेघ घाट पर स्नान करने वाला का जमावड़ा है। भक्त गंगा में डुबकी लगा दान-पुण्य कर रहे हैं। अयोध्या में सरयु नदी में श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं। मथुरा में यमुना के घाटों पर लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। हालांकि, यहां के घाटों पर यात्रियों को खासा परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रशासनिक लापरवाही के चलते तीर्थ यात्रियों को कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने में दिक्कत हो रही है। यहां घाटों पर जबरदस्त गंदगी, तटों पर जलकुम्भी का जमाव देखने को मिल रहा है।
गौरतलब है सनातन धर्म के कैलेंडर में सभी 12 महीनों में कार्तिक माह को सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है। कार्तिक माह को दामोदर के नाम के रूप में भी जाना जाता है, ये भगवान विष्णु का ही नाम है। कार्तिक महीने में पवित्र स्नान की शुरुआत शरद पूर्णिमा से होती है और कार्तिक पूर्णिमा के दिन अंतिम स्नान होता है। यह भी पढ़ें: अयोध्या में 1990 के बाद पहली बार हुआ ये काम, विश्व हिंदू परिषद ने फैसले से पहले कही बड़ी बात पुनर्वास विश्विद्यालय के दीक्षांत समारोह में रामभद्राचार्य बोले, 'जिससे राष्ट्र का मंगल होता उसे राम कहते'