नई दिल्ली। करवा चौथ का त्योहार अब ज्यादा दूर नहीं है। हिंन्दू धर्म में इसकी बड़ी महत्ता है। इस दिन महिलाएं अपने पति के लंबी आयु के लिये व्रत रखती हैं और खूब सजती-संवरती हैं। साथ ही कुंवारी लड़कियां भी मनवांछित वर पाने के लिये व्रत व पूजन करती हैं। इस दिन माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है और शाम को करवा चौथ कथा सुनने की परंपरा है।


आपको बता दें, करवा चौथ दीपावली से नौ दिन पहले मनाया जाता है। हिन्‍दू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी को आता है। दूसरी तरफ अंग्रेजी कैलेंडर की बात की जाये तो यह त्‍योहार अक्‍टूबर के महीने में आता है। इस बार यह 17 अक्‍टूबर 2019 को है।


करवा चौथ पर पूजन के लिये किन सामग्री का उपयोग किया जाता है, हमने आपकी सुविधा के लिये एक लिस्ट तैयार की है ताकि कोई भी वस्तु रह न जाये..


छलनी, मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन, करवा चौथ की थाली,दीपक, सिंदूर, फूल, मेवे, फल,रूई की बत्ती, कांस की तीलियां, करवा चौथ कैलेंडर, नमकीन मठ्ठियां, मीठी मठ्ठियां, मिठाई, रोली और अक्षत (साबुत चावल), आटे का दीया, फूल, धूप या अगरबत्ती, चीनी का करवा, पानी का तांबा या स्टील का लोटा, गंगाजल, चंदन और कुमकुम, कच्चा दूध, दही और देसी घी, शहद और चीनी, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, आठ पूरियों की अठावरी और हलवा, दक्षिणा।


करवा चौथ का शुभ मुहुर्त


पूरे दिन निर्जला व्रत रख कर महिलाएं शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को तोड़ती हैं। इस बार चंद्रमा 8:18 पर निकलेगा। अगर आपव्रत की कहानी सुनना चाहती हैं और पूजा करना चाहती हैं तो शाम 5:50 से 7:06 तक कर सकती हैं। पूजा के लिए यह शुभ मुहूर्त है। कुल मिलाकर एक घंटे 15 मिनट का मुहूर्त है।