Kasganj News: कासगंज के पटियाली कोतवाली इलाके में अजान, हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर विवाद मामले में अब भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी अपने बयान से पलट गए हैं. दरअसल बीते गुरुवार देर शाम नितिन चतुर्वेदी ने अजान के तेज आवाज के विरोध में हनुमान चालीसा को भी लाउडस्पीकर पर गाने की बात कही थी. उन्होंने मंदिर में लाउडस्पीकर लगवाए भी लेकिन पटियाली का माहौल फिर से कौमी एकता की मिसाल बन गया.



दिया था ये बयान


कासगंज पटियाली कस्बे में गोपाल जी मंदिर है. तहसील रोड पर बने इस मंदिर के दूसरी तरफ मस्जिद है. इन दिनों रमजान का महीना है. हर रोज सुबह सेहरी से लेकर शाम के रोजा इफ्तार तक दिन में नमाज अदा की जाती है. लेकिन 16 अप्रैल को हनुमान जयंती भी है. लिहाजा पास में ही बने गोपाल जी मंदिर में शाम को इन दिनों हनुमान चालीसा का पाठ भी होता है. भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष ने तेज आवाज में होती अजान पर टिप्पणी करते हुए हनुमान चालीसा को भी लाउडस्पीकर पर कराने का बयान दे डाला.


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गंगा जमुनी की मिसाल


लेकिन भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी अपने इस बयान पर ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सके. उन्होंने अपने बयान को संशोधित करते हुए कहा कि मंदिर और मस्जिद पास है लेकिन अजान और हनुमान चालीसा के समय में कोई टकराव नहीं होता है.
गोपाल जी मंदिर के पुजारी नीरज मिश्रा ने सांप्रदायिक सद्भाव की बात करते हुए हनुमान चालीसा के समय और अजान के समय में किसी भी विरोधाभास को सिरे से खारिज कर दिया. इसके बाद हमने दूसरे पक्ष से भी बात की.


यहां मिले ईसार खान ने भी पटियाली में गंगा जमुनी तहजीब का हवाला देते हुए कहा यहां वर्षों की परंपरा रही है कि हिंदू और मुसलमान एक साथ रहते हैं. कई बार तो ऐसा हुआ है कि रामलीला मंचन के दौरान सुबह हो जाती और फजर की नमाज के वक्त रामलीला का मंचन खुद-ब-खुद रोक दिया जाता है. लिहाजा पटियाली में अजान और हनुमान चालीसा को लेकर कोई भी विरोधाभास नहीं है.


अधिकारियों ने कही ये बात


दोनों पक्षों से बात होने के बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी के बयान और उससे माहौल के बारे में पटियाली के क्षेत्राधिकारी आर के तिवारी से भी जानकारी ली गई. उन्होंने बताया कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी नितिन चतुर्वेदी द्वारा जो कहा गया है उस बयान में यह भी स्पष्ट कहा गया है के अजान और हनुमान चालीसा के समय में कोई विरोधाभास नहीं है. लिहाजा कस्बे में किसी भी तरह का कोई मनमुटाव या फिर सांप्रदायिक तनाव नहीं है. स्थिति सामान्य है. जब देश के हर हिस्से में अजान और हनुमान चालीसा का विवाद गाहे-बगाहे सामने आ रहा है. ऐसे में गुरु द्रोणाचार्य की कर्म स्थली और अमीर खुसरो की जन्मस्थली पटियाली की आबोहवा दोनों धर्मों के सांप्रदायिक सद्भाव का पैगाम दे रही है.


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