उत्तर प्रदेश के कासगंज में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए अल्ताफ नाम के युवक की कथित रूप से पुलिस द्वारा पीटे जाने के कारण मौत हो गई. इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. अब इस पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मांग कि है कि आरोपी पुलिसकर्मियों की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए और अल्ताफ के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये यूपी में पुलिस अत्याचार की महामारी है.


उधर यूपी की मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि मंगलवार को एक नाबालिग हिंदू लड़की को कथित रूप से बहला-फुसलाकर साथ ले जाने के एक मामले में पूछताछ के लिए नगला सैयद इलाके के रहने वाले अल्ताफ (22) नामक युवक को हिरासत में लिया गया था. उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अल्ताफ ने हवालात के अंदर बने बाथरूम में जाने की इच्छा जताई इस पर उसे इजाजत दे दी गई, वहां उसने जैकेट के हुक में लगी डोरी से बाथरूम के नल में फंसा कर अपना गला घोंटने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि देर तक नहीं लौटने पर पुलिसकर्मी बाथरूम में गए और अल्ताफ को अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी मौत हो गई मृतक के परिजन ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने की वजह से उसकी मौत हुई है.




पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोपी पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है युवक के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में पुलिसकर्मियों के निलंबन को सिर्फ दिखावटी कार्रवाई बताते हुए प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की है . उन्होंने ट्वीट में कहा "कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है. लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है. इस मामले में इंसाफ़ व भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जाँच होनी ही चाहिए." इसके अलावा सपा ने भी ट्वीट कर कहा "भाजपा राज में हिरासत में एक और मौत . कासगंज में पुलिस हिरासत के दौरान युवक की हत्या, उप्र के ठोको पुलिस का एक और कारनामा है. उप्र में अपराधी और पुलिस लगातार मुख्यमंत्री की सरपरस्ती में कानून व्यवस्था का एनकाउंटर कर रहे हैं. दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस चले, मिले सजा."


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