UP News: कासगंज (Kasganj) में जीवनदायिनी गंगा (River Ganga) इस समय अपना विकराल रूप दिखा रही है. यहां गंगा नदी का जलस्तर (Ganga Water Level) लगातार बढ़ रहा है. पहाड़ों से निकलकर मैदानों को सींचने वाली नदी तटवर्ती इलाकों को अपनी गोद में समेटती दिख रही है. कछला गंगा ब्रिज पर बने गेज मीटर पर गंगा का जलस्तर 163.85 मीटर हो गई है. पिछले 24 घंटे में 85 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी कासगंज के तटवर्ती गांवों के लिए संकट बन गई है.
नरोरा बैराज से पानी छोड़ने से बढ़ा जलस्तर
बुलंदशहर के नरोरा बैराज से गंगा नदी में अब तक दो लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने से मंगलवार की रात कासगंज के तटवर्ती इलाकों के लिए खतरा पैदा हो गया. रात हो गई है। क्योंकि उफनती गंगा कासगंज जनपद के 100 से ज्यादा गांव को मध्यम बाढ़ की चपेट में ले लेगी । हरिद्वार बैराज हो या बिजनौर बैराज इस जल प्रलय से बचने के लिए कोई भी पानी रोकना नहीं चाहता, लिहाजा हरिद्वार बैराज हर रोज डेढ़ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ रहा है तो वहीं बिजनौर बैराज भी हरिद्वार से आने वाले पानी को नरोरा बैराज को सौंप देता है नरोरा बैराज से यह पानी जैसे ही छूटता है 10 घंटे के भीतर कासगंज जनपद की सीमा में प्रवेश कर जाता है और कासगंज जनपद के लिए हर रोज नई मुसीबत खड़ी कर देता है। गंगा में लगातार छोड़े जा रहे पानी और बाढ़ का शिकार होते तटवर्ती इलाकों को बचाने के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है साथ ही सिंचाई विभाग भी बाढ़ चौकियों के जरिए निगरानी कर रहा है और कटान के क्षेत्रों में अभी भी तटबंध बनाने का काम कर रहा है जिससे आबादी के इलाकों में कटान ना हो हालांकि सिंचाई विभाग के लाख प्रयास गंगा की रफ्तार के आगे बेकार साबित हो गए क्योंकि सिंचाई विभाग ने जो प्रयास किए वह गंगाजल में बह गए.
कासगंज की जिला अधिकारी हर्षिता माथुर बताती हैं कि आने वाले 24 घंटे कासगंज के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है तटवर्ती गांव के लोगों को सचेत कर दिया गया है जरूरत पड़ेगी तो उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट भी किया जाएग। बरौना गांव में कटान के कारण पिछले 15 दिन से पीएसी लगातार तैनात है और पीएसी के गोताखोर साथ ही साथ एनडीआरएफ के लोग भी कासगंज की निगरानी कर रहे हैं.
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