Kasganj News: 360 डिग्री घूमने वाले हाई रेजोल्यूशन कैमरे की 'नजर' हुई बंद, राम भरोसे निगरानी
उत्तर प्रदेश के कासगंज में चार साल पहले तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद नजर रखने के लिए हाई रेजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए थे लेकिन अब वे काम नहीं कर रहे हैं.
UP News: कासगंज जनपद (Kasganj District) के सदर कोतवाली इलाके में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर निगरानी के लिए लगाए गए कैमरे बंद (CCTV Camera) पड़े हैं. कैमरे बंद होने के कारण कंट्रोल रूम (Control Room) भी बंद कर दिया गया है. अब शहर की निगरानी राम भरोसे चल रही है. कासगंज सीओ का कहना है संबंधित संस्था को इसके लिए चिट्ठी लिखी गई है.
चार साल पहले लगाए गए थे कैमरे
कासगंज में करीब 4 वर्ष पहले तिरंगा यात्रा को लेकर हुई हिंसा के बाद सुरक्षा का घेरा मजबूत बनाने के लिए प्रशासन और पुलिस के द्वारा कवायद शुरू की गई थी. इसके लिए शहर के भीड़-भाड़ वाले 4 स्थानों पर ऊंचे पोल पर 360 डिग्री एंगल में हाई रेजोल्यूशन के सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे लेकिन लापरवाही के कारण उचित रखरखाव न होने से पुलिस की तीसरी आंख के रूप में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं. कैमरे बंद होने के साथ ही सीसीटीवी का कंट्रोल रूम बंद है.
इन इलाकों में बंद हैं कैमरे
मालगोदाम चौराहे पर अग्रसेन द्वार के पोल पर दो हाई रेज्युलेशन कैमरे लगे थे, लेकिन कोई भी कैमरा काम नहीं कर रहा था. गांधी मूर्ति चौराहे पर दो और बिलराम गेट पर 5 कैमरे लगे हुए थे, लेकिन वे काम नहीं कर रहे थे. बिलराम गेट का चौराहा काफी संवेदनशील चौराहा है. तिरंगा यात्रा को लेकर विवाद भी इसी इलाके से शुरू हुआ था. यह इलाका मिश्रित आबादी का क्षेत्र है. जहां तीसरी आंख की सक्रियता जरूरी है, लेकिन यह बंद है. वहीं जामा मस्जिद तिराहे पर भी पोल पर 5 कैमरे लगे हुए थे, लेकिन सभी कैमरे बंद पड़े हैं.
उधर, शहर के सीओ दीप कुमार पंत ने कहा, 'प्रशासन के सहयोग से शहर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कैमरे लगवाए थे, लेकिन वे खराब हो गए. इस मामले में कार्यदायी संस्था से पत्राचार किया जा रहा है. नगरपालिका को भी कैमरे सही कराने के लिए कहा गया है. जल्द ही सभी कैमरे सही कराए जाएंगे.'
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