UP Murder Case: कासगंज जनपद में रिश्ते का खून हुआ है. बड़े भाई ने छोटे भाई को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. एसओजी टीम और थाना ढोलना पुलिस ने हत्याकांड से पर्दा हटा दिया. कर्ज में डूबा बड़ा भाई गोली मारने का आरोप साहूकारों पल लगाना चाहता था. हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं. 3 जून की रात तैयबपुर सुजातगंज के रहने वाले चंद्रवीर ने पुलिस को सूचना देकर बताया था कि भाई को अज्ञात लोगों ने गोली मार कर नहर किनारे सड़क पर फेंक दिया है.  मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल मनोज को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने मनोज को अलीगढ़ रेफर कर दिया. मनोज की इलाज के दौरान 5 जून को मौत हो गई. भाई चंद्रवीर ने पुलिस को दी तहरीर में लिखा कि मनोज ट्यूबवेल पर खेत की रखवाली कर रहा था. शाम को चंद्रवीर छोटे भाई मनोज को खाना देने ट्यूबेल पर गया.


कासगंज में रिश्ते को कलंकित कर देनेवाली घटना


ट्यूबवेल पर मनोज के नहीं मिलने से खाना देकर चंद्रवीर लौट गया. रास्ते में नहर किनारे सड़क पर मनोज घायल अवस्था में पड़ा हुआ था. चंद्रवीर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी. 5 जून को मनोज की मौत होने पर मुकदमे को बदल दिया गया. हत्या की कोशिश का मुकदमा हत्या में बदल गया. मनोज के भाई चंद्रवीर की बताई थ्योरी पर पुलिस काम करने लगी. चंद्रवीर ने दो साहूकारों के नाम पुलिस को बताते हुए हत्या का शक जाहिर किया. थाना ढोलना पुलिस की जांच में मामला उल्टा निकला. अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार दुबे के मुताबिक मनोज का भाई चंद्रवीर जुए का आदी है. जुआ खेलने के लिए साहूकारों से लगातार कर्ज लेता रहा था.


छोटे भाई की हत्या में साहूकारों को फंसाने की मंशा


कर्ज में डूबे चंद्रवीर ने साहूकारों पर मनोज की हत्या का शक जताया. मामले की जांच में खुलासा हुआ कि हत्याकांड में चंद्रवीर का हाथ है. सुराग मिलने के बाद चंद्रवीर से कड़ाई के साथ पूछताछ की गई. पूछताछ में मनोज की हत्या की घटना को अंजाम देना कबूल कर लिया. कर्ज में डूबे चंद्रवीर ने दो साहूकारों को फंसाने के लिए छोटे भाई की हत्या की साजिश रची. योजनाबद्ध तरीके से छोटे भाई मनोज की दो अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक चंद्रवीर और दो साथी खेत पर पहुंचे. उन्होंने मनोज को नशे का इंजेक्शन दिया.


बेहोश होने के बाद पीठ पर तमंचे से गोली मार दी. गोली लगने से मनोज घायल हो गया. घायल मनोज को चंद्रवीर और साथियों ने नहर किनारे सड़क पर फेंक दिया. चंद्रवीर ने भाई के घायल होने की सूचना पुलिस को दी. साहूकारों को फंसाने के लिए हत्या की कहानी शुरुआती दौर में सफल होती नजर आ रही थी. लेकिन अपराधी कितना भी शातिर हो सुराग छोड़ ही जाता है. चंद्रवीर भी अपने सुराग में फंस गया. पुलिस को सुराग मिलने पर चंद्रवीर और साथियों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर मनोज हत्याकांड का राज उगलवा लिया. पुलिस ने पकड़े गए सभी आरोपियों के पास से हत्या में इस्तेमाल किए गए 2 तमंचे, 5 जिंदा कारतूस और एक खोका बरामद किए हैं. 


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