Kasganj: कासगंज का वन खंडेश्वर महादेव मंदिर जहां जमानत पर हैं भगवान, जानिए- पूरी कहानी
Kasganj News: कासगंज में वन खंडेश्वर महादेव मंदिर को सिद्ध महादेव का मंदिर कहा जाता है. कहते हैं यहां मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है. लेकिन इस मंदिर की कहानी बेहद दिलचस्प है.
Kasganj: कलयुग में भगवान भोलेनाथ भी जमानत पर हैं. जी हां आप शायद यह पढ़कर चौंक रहे होंगे लेकिन यह हकीकत है कि कलयुग में भगवान को भी जमानत लेनी पड़ी है. कासगंज के सोरों ब्लाक के गांव फरीदपुर में वन खंडेश्वर महादेव का किस्सा कुछ इसी तरह का है. वन खंडेश्वर महादेव को सिद्ध महादेव के तौर पर जाना जाता है और यहां पर भक्त जो भी मुराद मांगता है उसकी मुराद अवश्य पूरी होती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां के शिवलिंग को लाने के लिए गांववालों ने अलीगढ़ की कोर्ट में 8 लाख रुपये की जमानत दी थी. क्या ये पूरी कहानी आइए आपको बताते हैं.
बबूल के पेड़ की जड़ से हुए प्रकट
वनखंडेश्वर महादेव के पास आश्रम बनाकर रह रहे अघोरी बाबा का दावा है, ''वन खंडेश्वर महादेव का प्राकट्य बबूल के पेड़ की जड़ से हुआ था. एक लकड़हारा जब जंगल में एक पेड़ को काट रहा था. इस दौरान जब उसने पेड़ की जड़ पर प्रहार किया तो उसकी कुल्हाड़ी जड़ में समाए शिवलिंग में जा लगी और वहां से खून निकलने लगा. इसके बाद अंदर से आवाज आई कि जो कुल्हाड़ी तूने मेरे मारी है, वह अब तेरे भी लगेगी. जिससे डरकर लकड़हारा भागते हुए गांव पहुंचा और उसने सारी बात गांव वालों को बताई. जिसके बाद ग्रामीणों ने वहां की खुदाई की और फिर शिवलिंग को बाहर निकाला जिसकी स्थापना वनखंडेश्वर महादेव के तौर पर हुई.''
40 साल पहले चोरी हो गया था शिवलिंग
40 साल पहले 26 फरवरी 1973 को 9 चोर वनखंडी इस शिवलिंग को चुराकर अलीगढ़ ले गए. इधर गांववालों ने इसकी शिकायत सोरों कोतवाली में करा दी. पुलिस ने भगवान की चोरी का मामला दर्ज कर लिया. उधर चोर शिवलिंग की महिमा से बेखबर थे. भोले ने चोरों को दंड देने शुरू कर दिया, जिसके बाद एक-एक कर सारे चोर संक्रामक बीमारी से मरने लगे. अपने साथियों की मौत होते देख एक चोर डर गया और उसने शिवलिंग को अलीगढ़ के पाली थाने की पुलिस को सुपुर्द कर दिया.
चोरों ने पुलिस को सुपुर्द किया शिवलिंग
अलीगढ़ पुलिस ने इस मामले में चोरों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया. 22 मई 1993 को पाली मुकीमपुर में चोरों के विरुद्ध अपराध संख्या 59/1993 दर्ज हुआ. पुलिस ने भगवान को पाली थाने में ही प्रतिष्ठित कर दिया. 22 साल बाद भगवान की फिर से पूजा-अर्चना होने लगी. किसी तरह सोरों के फरीदपुर तक यह खबर पहुंची, कि 22 साल पहले जो शिवलिंग चोरी हुआ था वो पाली थाने में है. गांववाले जब शिवलिंग को लेने अलीगढ़ पहुंचे तो पुलिस ने देने से इनकार कर दिया.
ऐसे गांववालों को फिर मिल सके भगवान
शिवलिंग चोरी का मामला सोरों कोतवाली में भी दर्ज था, और पाली थाने में दर्ज था. गांववालों ने शिवलिंग पर अपना अधिकार जताया और कोर्ट में दावा कर दिया. अलीगढ़ दीवानी में 6 साल तक मुकदमा चला.अंत में ग्रामीणों की पैरवी और भगवान भोलेनाथ की इच्छा से ये शिवलिंग अलीगढ़ पाली थाने से ग्रामीणों को सुपुर्द करने का कोर्ट ने आदेश दिया. इसके साथ कोर्ट ने शिवलिंग के एवज में आठ लाख रुपये की जमानत राशि मुकर्रर कर दी. ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करकर 8 लाख रुपये जमा करके कोर्ट में बतौर जमानत दिए. इसके बाद भगवान की एक बार फिर से वापसी हुई. बनखंडी में फिर से प्रतिमा को स्थापित कर दिया गया और बाबा भोले सबको अपना आशीर्वाद दे रहे हैं.
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