गृहमंत्री अमित शाह ने 'डोम राजा' के निधन पर जताया दुख, बताया भगवान विश्वनाथ का सच्चा उपासक
गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी के 'डोम राजा' जगदीश चौधरी के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि उनका निधन सनातन परंपरा और भारतीय समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी के 'डोम राजा' जगदीश चौधरी के निधन पर मंगलवार को संवेदना जताते हुए कहा कि वो भगवान विश्वनाथ के सच्चे उपासक थे. शाह ने कहा कि काशी के डोम राजा का पद भारतीय संस्कृति में व्याप्त विविधता, व्यापकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक है.
केंद्रीय गृहमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि, ''डोम राजा सनातन संस्कृति की सबसे अभिन्न कड़ी हैं जो अपनी अग्नि से लोगों को मोक्ष का द्वार दिखाते हैं. बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि डोम राजा जगदीश चौधरी जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति शांति शांति.'' शाह ने कहा कि, ''बाबा विश्वनाथ के ऐसे सच्चे उपासक का देहांत अत्यंत दुखद है. उनका निधन सनातन परंपरा और भारतीय समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है.''
काशी के डोम राजा का पद भारतीय संस्कृति में व्याप्त विविधता, व्यापकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। बाबा विश्वनाथ के ऐसे सच्चे उपासक डोम राजा श्री जगदीश चौधरी जी का स्वर्गवास अत्यंत दुःखद है। उनका निधन सनातन परंपरा और भारतीय समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
— Amit Shah (@AmitShah) August 25, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डोम राजा के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि, "वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है. वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे. उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दें."
वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 25, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जब वाराणसी से अपना नामांकन पत्र भरा था, तब जगदीश चौधरी उनके प्रस्तावकों में से एक थे. तब डोम राजा ने कहा था कि, "पहली बार किसी राजनीतिक दल ने हमें ये पहचान दी है और वो भी खुद प्रधानमंत्री ने. हम बरसों से लानत झेलते आए हैं. हालात पहले से सुधरे जरूर हैं, लेकिन समाज में हमें पहचान नहीं मिली है और प्रधानमंत्री चाहेंगे तो हमारी दशा जरूर बेहतर होगी."
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