Banaras Hindu University: वाराणसी (Varanasi) स्थित काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी (Kashi Hindu University) में हर साल होली (Holi) का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एक आदेश जारी हुआ था जिसमें परिसर के अंदर होली खेलने पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर इस आदेश की अवहेलना की गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जब इसपर बवाल बढ़ा तो यूनिवर्सिटी के ओर से सफाई दी गई.
बीएचयू के प्रोफेसर अभिमन्यु सिंह ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अपने पर्वों के लिए ही जाना जाता है. होली खेलना सिर्फ पब्लिक प्लेसेस के लिए मन किया गया है. जैसे हॉस्पिटल और मंदिर. जबकि मधुबन में बहुत अच्छे तरीके से मनाया गया है, होली पर ऐसा कोई भी खबर नहीं है कि होली नहीं मनाने दिया जाएगा. प्रशासन बस ये चाहता है कि होली का त्यौहार जब भी मने सलीके से मने. किसी जबरन तौर तरीके से न मनाया जाए.
क्या था आदेश?
प्रोफेसर ने कहा कि डीजे मना किया गया है, साउंड सिस्टम को नहीं. हालांकि की मधुबन में भी इसी तरह होली मनाई गयी है. जबकि इससे पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि "काशी हिन्दू यूनिवर्सिटी परिसर के समस्त शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि परिसर में सार्वजनिक स्थल पर एकत्रित होकर होली खेलना, हुड़दंग करना, संगीत बजाना पूर्णतया प्रतिबंधित है. ऐसा करने वालों के विरुद्ध प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी."
आदेश में आगे लिखा था, "इस संबंध में सभी निदेशकगण, संकाय प्रमुख, प्रशासनिक सरंक्षकों से निवेदन है कि अपने स्तर पर छात्र-छात्राओं को इस तथ्य से अवगत कराएं तथा ऐसी किसी परिस्थिति में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें." यूनिवर्सिटी की ओर से जारी इस आदेश को लेकर अब छात्रों में नाराजगी देखने को मिल रही थी. वहीं विश्व हिन्दू परिषद की ओर से भी इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. उन्होंने इस आदेश का वापस लेने के लिए कहा था.