रेलवे में पहली बार किसी ट्रेन में भगवान के लिए सीट आरक्षित, भड़के ओवैसी; जानिए पूरा मामला
रेलवे में पहली बार किसी ट्रेन में भगवान के लिए सीट आरक्षित की गई है, जिसपर ओवैसी भड़क गए हैं। दरअसल, Kashi Mahakal Express में भोलनाथ के मंदिर बनाया गया है, जिसपर अब विवाद खड़ा हो गया है।
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नई दिल्ली, एबीपी गंगा। तीन ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाली रेलवे की तीसरी प्राइवेट ट्रेन काशी महाकाल एक्सप्रेस को लेकर जहां एक तरफ यात्री खुश हैं, तो वहीं अब इसपर विवाद भी खड़ा हो गया है। जिसके पीछे की वजह है, ट्रेन में मौजूद भगवान भोलेनाथ का मंदिर। दरअसल, इस ट्रेन में भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित की गई है। जिसपर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी आपत्ति जताई है।
बता दें कि रविवार को वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। रेलवे की ये तीसरी प्राइवेट ट्रेन दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाली है। जो इंदौर के निकट ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ को जोड़ेगी। इस ट्रेन में एक सीट भगवान शिव के लिए भी आरक्षित है। इसी को लेकर ओवैसी ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। इसे लेकर ओवैसी ने पीएमओ को टैग करते हुए संविधान की प्रस्तावना ट्वीट की है।
Sir @PMOIndia https://t.co/HCeC9QcfW9 pic.twitter.com/6SMJXw3q1N
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 17, 2020
भोलेनाथ के लिए एक सीट आरक्षित
काशी महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने के नए विचार के बाद रेलवे प्रशासन अब स्थायी तौर पर 'भोले बाबा' के लिए एक सीट आरक्षित करने का विचार कर रहा है। अभी आपको ट्रेन के कोच बी-5 की सीट नंबर-64 पर भगवान भोलेनाथ का छोटा सा मंदिर बनाया गया है। रेलवे का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक सीट भगवान के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है। इस सीट को सजाया गया है और इसे मंदिर बनाया गया है, ताकि यात्रियों को इस बात से अवगत कराया जा सकें कि ये सीट उज्जैन के महाकाल के लिए है। अब रेलवे स्थायी तौर पर इस सीट को भगवान के लिए आरक्षित करने का विचार कर रहा है।
Ac-3 में सुनाई देगा ऊँ नम: शिवाय
काशी महाकाल एक्सप्रेस में यात्रियों को एसी-3 श्रेणी के सभी कोच में हर समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र बजता सुनाई देगा। इसके अलावा भगवान शिव के भजनों की धुन भी सुनाई देगी। यात्रियों को इसमें बैठते ही एहसास हो जाएगा कि ये ट्रेन काशी विश्वनाथ से महाकालेश्वर के दर्शन कराने जा रही है। बता दें कि ट्रेन की रवानगी के पहले दिन इसे कोच बी-5, जिसमें मंदिर बनाया गया है, इसमें भजन कीर्तन वाली टोली भी शामिल रही। वहीं, यात्रियों के स्वागत के लिए पुरुष ट्रेन होस्ट भी मौजूद रहे, जिन्होंने भगवा-पीले वस्त्र धारण किए हुए थे।
CCTV से निगरानी, एलसीडी डिस्प्ले भी लगे
ट्रेन के सभी एसी-थ्री कोच सुविधाजनक होने के साथ-साथ खूबसूरत भी बनाए गए हैं। सुरक्षा का ध्यान रखते हुए हर कोच में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। इसके अलावा कोच अटेंडेंट की सीट के ऊपर एलसीडी डिस्प्ले भी लगाए गए हैं, जिससे वो सभी गतिविधियों की निगरानी कर सकेगा। वहीं, यात्रियों को अगले स्टेशन के बारे पता लगाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, अगला स्टेशन बताने के लिए गेट के ऊपर डिस्प्ले लगे हैं।
ट्रेन में नहीं चलेगी जीआरपी-आरपीएफ, लेकिन...
बता दें कि अन्य ट्रेनों की तरह इसमें आपको जीआरपी-आरपीएफ के जवान नहीं दिखाई देंगे, बल्कि ट्रेन एस्कॉर्ट में आईआरसीटीसी का अपना एस्कॉर्ट मौजूद होगा। जिसे दिक्कत आने पर आप तुरंत बुला सकते हैं। तेजस की तरह इस ट्रेन में भी टीटीई आईआरसीटीसी के होंगे।
ट्रेन की खासियत
- इस ट्रेन में आपको साइड लोवर सीट को मोड़ने की जरूत नहीं पड़ेगी, बल्कि इसे किनारे स्लाइडिंग से नीचे किया जा सकता है।
- आम एक्सप्रेस ट्रेन की ही तरह इसके एसी-3 कोच हैं।
- हालांकि, इसके मुकाबले तेजस एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस ज्यादा हाईटेक हैं।
- इस ट्रेन में ऑटोमैटिक खुलने, बंद होने वाले दरवाजे नहीं हैं।
- टोमैटिक खुलने-बंद होने वाले डस्टबिन भी नहीं हैं।
- ट्रेन में आपको सिर्फ शाकाहारी खाना मिलेगा।
- 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिलेगा।
ट्रेन का किराया
दोनों तेजस ट्रेनों की तरह ही काशी महाकाल एक्सप्रेस का किराया भी डायनिमिक होगा। जिसका मतलब हुआ कि जितनी जल्दी आप टिकट बुक करा लेते हैं, उतना ही आप फायदे में रहेंगे। हालांकि, आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, वाराणसी से इंदौर जाने तक का किराया प्रति व्यक्ति 1951 रुपये होगा। IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट और आधिकारिक मोबाइल एप Irctc Rail Connect के माध्यम से आप ट्रेन का टिकट बुक करा सकते हैं। इसकी टिकट यात्रा से 120 दिन पहले बुक कराई जा सकती है। बता दें कि 20 फरवरी से आम लोग ट्रेन से यात्रा शुरू कर सकेंगे।
हफ्ते में तीन दिन चलेगी ट्रेन
- ट्रेन का परिचालन हफ्ते में तीन दिन किया जाएगा।
- दो दिन ये सुल्तानपुर-लखनऊ के रास्ते चलाई जाएगी, जबकि एक दिन ये प्रयागराज से निकलेगी।
वाराणसी वाया सुल्तानपुर-लखनऊ रूट
- हर मंगलवार और गुरुवार को दोपहर 3 बजे वाराणसी से रवाना होगी और अगले दिन सुबह 9:40 बजे इंदौर पहुंचेगी।
- हर बुधवार और शुक्रवार को सुबह 10:55 बजे ट्रेन इंदौर से रवाना होगी और अगले दिन सुबह 6 बजे वाराणसी पहुंचेगी।
- दोनों ही तरफ से ये ट्रेन उज्जैन, संत हिरदाराम नगर, बीना, झांसी, कानपुर, लखनऊ और सुल्तानपुर रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी।
प्रयागराज रूट
- काशी महाकाल एक्सप्रेस को हफ्ते में एक दिन प्रयागराज के रास्ते चलाया जाएगा।
- हर रविवार को ट्रेन दोपहर 3:15 बजे वाराणसी से इंदौर के लिए रवाना होगा और अगले दिन सुबह 9.40 बजे इंदौर पहुंचेगी।
- हर सोमवार को सुबह 10.55 बजे इंदौर से चलेगी और अगले दिन सुबह पांच बजे वाराणसी पहुंचा देगी।
- अपने इस सफर पर ट्रेन दोनों ही तरफ से उज्जैन, संत हिरदाराम नगर, बीना, झांसी, कानपुर और प्रयागराज रेलवे स्टेशनों पर रूकेगी।
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