वाराणसी: बाबा विश्वनाथ का धाम एक बार फिर से चर्चा में है. विश्वनाथ धाम के निर्माण कार्य की खुदाई के दौरान श्रृंगार गौरी के समीप प्राचीन मूर्ति मिली है. इसके साथ ही पास में एक स्थान भी मिला है जिसे गुफा बताया जा रहा है. मामले के संज्ञान में आते ही हिन्दू संगठन सक्रिय हो गए हैं.


मूर्ति की जांच के लिए एएसआई पहुंची

काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण की खुदाई में प्राचीन मूर्ति मिलने की खबर आग की तरह फैली. हालांकि इसके तुरंत बाद काम रोक दिया गया और मामला एएसआई ने संभाल लिया. इसके साथ ही अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद ने मुस्लिम पक्षकारों से अपील की है कि हिन्दू के मंदिर को हिन्दू को दे दें. महंत कुलपति तिवारी भी मंदिर  की आवाज बुलंद कर रहे हैं.


क्या है प्रोजेक्ट

विश्वनाथ धाम कॉरिडोर 2021 तक पूरा होना है. प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक बाबा के इस धाम के नवनिर्माण को लेकर सबके मन में उत्सुकता है. लगभग पांच हजार स्क्वायर फीट में निर्माण कार्य जारी है और दिन रात काम हो रहा है. कॉरिडोर निर्माण के दौरान जब घर खरीदे गए थे तो अद्भुत मंदिर मिले थे अब खुदाई के दौरान मिली मूर्ति एक बार फिर से लोगों के लिए चर्चा का विषय है.


पहले संकरी गलियों से बाबा का दर्शन कर परेशानी झेलने वाले भक्तों को बाबा के मंदिर के नवनिर्माण के बाद अद्भुत स्वरूप दिखेगा. मंदिर निर्माण में जयपुर के पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है. मकराना पत्थर भी बाबा के दरबार की शोभा बढ़ाएंगे. इसके साथ ही मंदिर क्षेत्र में आने वाले भक्तों के लिए सारी सुविधाएं भी मौजूद होंगी.


खुदाई में मिली प्राचीन मूर्ति की जांच तो एएसआई कर रही है लेकिन सक्रिय हिन्दू संगठन अब मथुरा-काशी की बारी का नारा देने लगे हैं. अब देखना ये होगा कि इस मामले को लेकर आगे क्या होता है?


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