Allahabad High Court: उत्तर प्रदेश (UP) में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी खबर सामने आई है. हाईकोर्ट ने वाराणसी (Varanasi) के काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (Kashi Vishwanath Jyotirling) पर गन्ने के रस से रुद्राभिषेक कराने के लिए परिसर में मशीन लगाए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग में दाखिल जनहित खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि यह जनहित से जुड़ा मामला नहीं है. कोर्ट ने मेरिट के आधार पर जनहित याचिका की खारिज की.
महादेव इंटरप्राइजेज की ओर से रेनू खन्ना और मनीष खन्ना ने वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट से इसी साल 9 जुलाई को अनुमति मांगी थी. वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट की ओर से अनुमति न दिए जाने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में डीएम के यहां लंबित प्रार्थना पत्र को निस्तारित करने के लिए निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी. महादेव इंटरप्राइजेज फर्म और दो अन्य की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई थी.
कोर्ट ने एक लाख रुपये का हर्जाना लगाने को कहा था
जनहित याचिका में कहा गया था कि मंदिर परिसर में जूस निकालने की मशीन लगाने की उन्हें जगह दी जाए ताकि श्रद्धालु गन्ने के जूस से शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर सकें. इससे होने वाली आमदनी का 70 फीसदी सरकार को दिए जाने की बात कही गई थी जबकि 30 फीसदी याची ने इस पर खर्च करने की बात कही थी. कोर्ट ने याचियों पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाने की भी बात कही थी. याची वकील के पीआईएल वापस लेने पर कोर्ट ने हर्जाना न लगाने पर विचार करने की बात कही. याची की ओर से अधिवक्ता हृदय नारायण पांडेय ने पक्ष रखा. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका खारिज की.
ये भी पढ़ें- UP News: 'बीजेपी सरकार से उम्मीद करना बेकार', गोरखपुर में महिला-नवजात की मौत को लेकर अखिलेश यादव ने साधा निशाना