(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kashi Vishwanath Temple: कॉरिडोर बनने के बाद काशी विश्वनाथ आए 18 करोड़ भक्त, 139 देशों के श्रद्धालु भी शामिल
एसडीएम ने बताया कि मंदिर परिसर में तैनात हर एक व्यक्ति सेवा भाव से श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन और आवश्यक सुविधाओं के लिए हमेशा तत्पर रहा है. हम विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं गिनती भी करते हैं.
Kashi Vishwanath Temple: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर न सिर्फ देशभर के सनातनियों के लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए भी अब आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है. प्राचीन भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर के भव्य स्वरूप का लोकार्पण काशी विश्वनाथ धाम के रूप में दिसंबर 2021 में हुआ था. इसके बाद से ही दिनों दिन श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है.
अब सामान्य दिनों में प्रतिदिन 2 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं, जबकि सावन माह, महाशिवरात्रि, प्रमुख तिथि और वीकेंड पर यह संख्या 4.5 - 5 लाख तक भी होती है. प्राप्त जानकारी के अनुसार दिसंबर 2021 से अब तक 18 करोड़ श्रद्धालु बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं. एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान एसडीएम शंभू शरण ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. यह मंदिर परिसर के प्रत्येक सदस्य के लिए हर्ष का विषय है.
139 देशों से आए भक्त
एसडीएम ने बताया कि मंदिर परिसर में तैनात हर एक व्यक्ति सेवा भाव से श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन और आवश्यक सुविधाओं के लिए हमेशा तत्पर रहा है. काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के बाद अब तक 18 करोड़ श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं. इसी क्रम में बाबा के चढ़ावे में भी वृद्धि देखी गई है. इसके अलावा देश के साथ-साथ 139 अन्य देशों से भी बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं, जिसमें रुस और यूरोपीय देश शामिल हैं. हमारे पास इसका अधिकृत आंकड़ा है क्योंकि हम विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के पासपोर्ट को स्कैन करते हैं.
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सामान्य दिनों के साथ-साथ प्रमुख तिथियों पर बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखी जाती है. ऐसे में श्रद्धालुओं की प्राथमिकता रहती है कि उन्हें जल्द से जल्द सुगम दर्शन प्राप्त हो. इसको ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में प्रशासन की तरफ से हेल्प डेस्क, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, एम्बुलेंस, दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर के साथ प्रमुख तिथियों के अलावा प्रोटोकॉल के माध्यम से भी दर्शन उपलब्ध कराया जाता है.
जर्मन हैंगर की मदद से श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में धूप से बचाव के लिए भी व्यवस्था की जाती है. ऐसे में बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन करके और उनके परिसर की भव्यता को देखकर श्रद्धालु निहाल होते हैं. धाम के लोकार्पण के बाद अब तक 18 करोड़ श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि हो सकती है.