कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी करने वाले 8 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है. इन शिक्षकों के बीएड की मार्कशीट की जांच एसआईटी कर रही थी. जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर एसआईटी ने बीएसए को पत्र लिखकर बर्खस्तगी की बात कही थी. हालांकि, बर्खास्त शिक्षकों ने हाईकोर्ट में भी अपील दायर की थी. लेकिन, शिक्षकों को वहां से भी निराशा हाथ लगी है. कोर्ट ने इन शिक्षकों के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज कराए जाने का निर्देश दिया है.


फर्जी डिग्री के जरिए हासिल की नौकरी
आगरा के डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम से वर्ष 2004-05 में जारी बीएड की फर्जी डिग्री से 8 लोगों ने कौशांबी में शिक्षक की नौकरी प्राप्त की थी. फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर एसआईटी ने इसकी जांच शुरू की तो आरोप सही पाए गए. एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट वर्ष 2017 में कौशांबी के बेसिक शिक्षा विभाग को सौंप दी थी. लेकिन, शिक्षा विभाग ने भी 2 वर्षों तक कई चरणों में जांच की थी. आरोप सही साबित होने पर वर्ष 2019 में बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले में तैनात अर्चना देवी, अर्चना सिंह, लवलेश द्विवेदी, रविंद्र सिंह और नूतन कुमारी को बर्खास्त कर दिया. वहीं, सीमा देवी, राजेश कुमार और अंजना देवी को जनवरी 2020 में बर्खास्त कर दिया गया था.


मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश
8 शिक्षकों के बर्खास्तगी के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. बर्खास्तगी होने के बाद इन शिक्षकों ने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने भी इनकी सुनवाई की. लेकिन, बीएड की मार्कशीट फर्जी होने के कारण कोर्ट ने भी विभाग के फैसले को बरकरार रखा और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. इतना ही नहीं उनके खिलाफ फर्जीवाड़े के आरोप में मुकदमा भी दर्ज कराने का निर्देश दिया.


कोर्ट की ली शरण
बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया कि इन शिक्षकों ने वर्ष 2004-05 में डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड की फर्जी डिग्री हासिल की थी. एसआईटी की जांच में खुलासा होने पर उन्हें बर्खास्त किया गया था. लेकिन, इन लोगों ने कोर्ट की भी शरण ली थी. कोर्ट ने भी इन्हें बर्खास्त करने का निर्देश दिया है.


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