UP News: यूपी के कौशांबी (Kaushambi) में मानवता को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने नजर आई है. यहां के जिला अस्पताल परिसर में एक पिता अपने मासूम बेटे का शव लेकर एम्बुलेंस (Ambulance) के लिए भटकता नजर आया. बेटे की मौत के बाद बदहवास पिता जब एक एंबुलेंस में शव लेकर बैठा तो एम्बुलेंस कर्मी ने उसे प्राइवेट एम्बुलेंस होने की बात कहकर नीचे उतार दिया, इतना ही नहीं घर तक छोड़ने के लिए पैसे की मांग की. ऐसे में लाचार पिता बेटे का शव लेकर इधर-उधर एम्बुलेंस के लिए भटकता रहा. हालांकि जब मीडियाकर्मियों को अस्पताल के कर्मचारियों ने उस शव वाहन के बारे में बताया.
दोषियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई - CMO
मृतक बच्चे के पिता का आरोप है कि अस्पताल कर्मचारियों ने उनसे ऑपरेशन के लिए तीन हजार रुपये लिए हैं. सीएमओ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया, 'मैं मंझनपुर तहसील के संपूर्ण समाधान दिवस में मौजूद था. इस वजह से मामले की मुझे कोई जानकारी नहीं है. मीडिया के माध्यम से मुझे मृत बच्चे के शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस ना मिलने की सूचना मिली है. मामले की जांच कराई जाएगी. इसमें जो भी कर्मचारी दोषी होगा. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में दोबारा पुनरावृत्ति ना हो सके.'
सरकारी अस्पताल ने सर्जरी के लिए मांगे 3 हजार
चित्रकूट जनपद के करौंधि कला गांव के रहने वाले रामलाल के पांच वर्षीय बेटे दीपांशु को सीने में फोड़ा था. रामलाल अपने बेटे का इलाज कराने के लिए प्राइवेट अस्पताल के चक्कर काटे लेकिन अस्पताल कर्मियों ने ऑपरेशन के लिए मोटी रकम की मांग की. रामलाल काफी गरीब हैं. किसी ने उन्हें मंझनपुर के जिला अस्पताल में बेटे का ऑपरेशन करवाने की सलाह दी. वह बेटे का ऑपरेशन करवाने के लिए मंझनपुर के जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन यहां भी अस्पताल कर्मियों ने उनसे 3000 रुपए मांगे. किसी तरीके से रामलाल ने पैसे का इंतजाम कर अस्पताल कर्मियों को दिया और 15 जुलाई को बेटे का ऑपरेशन हुआ. ऑपरेशन के बाद जब शनिवार की सुबह मासूम दीपांशु की पट्टी चेंज करने के लिए परिजन ऑपरेशन रूम में लेकर गए तो वहां उसकी हालत बिगड़ गई. कुछ देर बाद डॉक्टर आए और परिजनों को बाहर कर इलाज शुरू किया लेकिन तब तक दीपांशु ने दम तोड़ दिया. जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने दीपांशु को मृत घोषित करने के बाद उसे लावारिस छोड़ दिया.
मीडियाकर्मियों को देखकर हरकत में आया अस्पताल
पिता रामलाल अपने मासूम बेटे के शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस मांगी तो उनसे पैसे मांगे जाने लगे. बदहवास रामलाल बेटे का शव लेकर अस्पताल परिसर में मौजूद एक प्राइवेट एम्बुलेंस में बैठ भी गए लेकिन एम्बुलेंस कर्मी ने उन्हें नीचे उतार दिया. काफी देर तक पिता रामलाल अपने मासूम बेटे का शव गोद में उठाकर एक एम्बुलेंस से दूसरे एम्बुलेंस तक भटकता रहे. मीडियाकर्मियों ने वीडियो लेना शुरू किया तो अस्पताल कर्मियों ने रामलाल को नि:शुल्क शव वाहन के बारे में जानकारी दी.
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