Uttar Pradesh News: यूपी के कौशांबी में जिला अदालत (Kaushambi District Court) ने दिन दहाड़े हत्या के मामले में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयन सिंह सहित 2 को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. हत्या 18 जनवरी वर्ष 2013 को हुई थी. दोषियों को सजा मिलने पर पीड़ित परिजन खुश है और उन्होंने अदालत के फैसले का स्वागत किया है.
घात लगाकर मारी थी गोली
पश्चिमशरीरा क्षेत्र के पूरबशरीरा निवासी वादी मुकदमा दशरथ दुबे 18 जनवरी वर्ष 2013 को अपने पिता बुद्ध नारायण दुबे के साथ शौच के लिए गया था. खेतों की तरफ पहले से ही बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयन सिंह और रंजीत दुबे घात लगाए बैठे थे. उदयन सिंह के ललकारने पर रंजीत दुबे ने तमंचे से बुद्ध नारायण दुबे को गोली मार दी. सीने में गोली लगने से बुद्ध नारायण दुबे की मौके पर ही मौत हो गई.
दशरथ दुबे की तहरीर पर गांव के ही रंजीत दुबे और बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयन सिंह के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया गया था. जांच के दौरान विवेचक ने उदयन सिंह को आरोपी नहीं माना और मुकदमे से बाहर कर दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी रंजीत दुबे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. कई साल बीतने के बाद भी रंजीत दुबे को जमानत नहीं मिली.
अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया तो बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष उदयन सिंह का नाम भी आया. अदालत ने उदयन सिंह को दोषी मानते हुए जेल भेज दिया लेकिन 3 महीने बाद उन्हें जमानत मिल गई. कोर्ट ने उदयन सिंह को मंगलवार को एक बार फिर से तलब किया. सुनवाई के दौरान अपर जिला जज प्रथम ने दोनों पक्षों को सुना.
कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता अनिरुद्ध कुमार मिश्रा ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ सात गवाहों को पेश किया. अदालत ने बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयन सिंह और रंजीत दुबे को हत्या और आर्म्स एक्ट का आरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोनों के पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.
क्या थी हत्या की वजह
पश्चिमशरीरा थाना क्षेत्र के पूरबशरीरा निवासी आरोपी उदयन सिंह की पत्नी वर्ष 2010 से 2015 तक ग्राम प्रधान थी. ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में धांधली को लेकर अक्सर जिला प्रशासन को शिकायत की जाती थी. यह शिकायत कोई और नहीं बल्कि बुद्ध नारायण दुबे ही करता था. आए दिन की शिकायत के बाद जांच से उदयन सिंह काफी परेशान था. इसके अलावा गांव के ही आरोपी रंजीत दुबे से भी जजमानी को लेकर बुद्ध नारायण से विवाद चल रहा था.
ऐसे में उदयन सिंह और रंजीत दुबे इकट्ठा हो गए. दोनों ने बुद्ध नारायण को रास्ते से हटाने का मास्टर प्लान तैयार किया. योजना के तहत 18 जनवरी की सुबह जब बुद्ध नारायण अपने बेटे दशरथ दुबे के साथ शौच के लिए गए थे तभी पहले से ही घात लगाए बैठे रंजीत दुबे ने उदयन सिंह के ललकारने पर बुद्ध नारायण के सीने में गोली मारकर हत्या कर दी.