Kaushambi Gas Cylinder Explode: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के पिपरी थाना क्षेत्र के मनौरी कस्बे में बूंदी बनाने की एक फैक्टरी (कारखाना) में अचानक आग लगने से वहां रखे गैस सिलेंडर में विस्फोट हो गया, जिससे कारखाने की इमारत ध्वस्त हो गई और बगल के दो मकानों की दीवारों में दरार आ गई. पुलिस ने शनिवार को बताया कि इस घटना में दो कार जलकर राख हो गईं और दो लोग मामूली रूप से घायल हो गए. अग्निशमन विभाग की मदद से काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. घटना शुक्रवार रात लगभग दो बजे की है.


पिपरी थाना पुलिस ने बूंदी कारखाने में अग्निकांड की घटना में कारखाना संचालक को प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस अधीक्षक (एसपी) बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मनौरी बाजार के नयी बस्ती मोहल्ला निवासी सतीश केसरवानी का बूंदी का कारखाना है, जिसमें प्लाईवुड का गोदाम भी है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात लगभग दो बजे बूंदी के कारखाने में अचानक आग लग गई, जहां काफी मात्रा में रिफाइंड तेल, घी और गैस सिलेंडर भी रखे थे. आग लगने के कारण वहां रखे गैस सिलेंडर में विस्फोट हो गया, जिससे रिफाइंड और घी तथा गोदाम में रखी प्लाईवुड में आग पकड़ने से स्थिति और विकराल हो गई.


एसपी के अनुसार, घटना में कारखाने में खड़ी एक वैगन आर और ओमनी वैन (जिनमें सीएनजी सिलेंडर लगा था) भी जलकर राख हो गईं. उन्होंने बताया कि हादसे में सागर सहित दो व्यक्ति मामूली रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज नजदीक के एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है. एसपी के मुताबिक, घटना की जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी.


कारखाने के अंदर नहीं थे अग्निशमन यंत्र 


इस बीच, पिपरी थाना पुलिस ने बूंदी कारखाने में अग्निकांड की घटना में कारखाना संचालक को प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है. चायल के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) योगेंद्र कृष्ण नारायण ने बताया कि बूंदी कारखाना संचालक सतीश केसरवानी ने कारखाने के अंदर अनियमित तरीके से से एलपीजी गैस सिलेंडर घी रिफाइंड तेल तथा प्लाईवुड रखी थीं और बचाव हेतु कारखाने के अंदर अग्निशमन यंत्र नहीं थे.


घटना को लेकर पुलिस ने दर्ज किया केस


सीओ ने बताया कि पिपरी थाना क्षेत्र के चायल चौकी प्रभारी मनोज कुमार तोमर की तहरीर पर पिपरी थाना में केसरवानी के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 285 (अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण), 337 (किसी कार्य से मानव जीवन को खतरा पहुंचाना), 338 (किसी कार्य से मानव को गंभीर चोट पहुंचाना) तथा 427 (अपने प्रयास से 50 रुपये या उससे अधिक का नुकसान करना) के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि कारखाना संचालक की शीघ्र ही गिरफ्तारी कर मामले में अग्रिम विधि कार्यवाही की जाएगी.


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