कौशाम्बी, एबीपी गंगा। मंझनपुर नगर पंचायत ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए नई पहल शुरू की है। पानी की बर्बादी करने वालों से नगर पंचायत प्रशासन जुर्माना वसूल करेगा। नगर पंचायत ने पहल करते हुए सरकारी नलों के लीकेज को बंद करना शुरू कर दिया है। इस पहल को जमीनी स्तर पर लाने के लिए  इलाके में मुनादी कर दी है। नगर पंचायत के इस फैसले के बाद कस्बे के तमाम लोगो ने अपने नलों में टोटियां लगा ली हैं।


नल खुला छोड़ देते हैं लोग


मंझनपुर नगर पंचायत के लोगों की प्यास बुझाने के लिए चार नलकूप और दो पानी की टंकियों की व्यवस्था की गई है। जिससे नगर पंचायत के घरों में पानी की सप्लाई की जाती है। नगर वासियों की लापरवाही के कारण इलाके के कई घरों में पानी नहीं पहुच पाता है। लोग अक्सर जरुरत का पानी इस्तेमाल करने के बाद नल को खुला छोड़ देते है जिस कारण पानी की बर्बादी से कर घरों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है। मंझनपुर नगर पंचायत प्रशासन ने लोगो की आदत सुधारने और पानी की बर्बादी रोकने के लिए पानी का नल खुला छोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। नगर पंचायत प्रशासन ने लोगों को पानी की बर्बादी के प्रति आगाह करते हुए इस बात की मुनादी करा दी है। मुनादी में साफ तौर पर बताया गया है कि लोगों के घर या बाहर पानी बहता पाया गया तो बतौर जुर्माना आर्थिक दण्ड उनको देना होगा।



रोकनी होगी बर्बादी


नगर पंचायत अध्यक्ष मंझनपुर कौशाम्बी महताब आलम का कहना है कि 'नगर पंचायत दफ्तर में बैठक की गई है, जिसमें यह निर्णय लिया गया और सभी लोगों से राय मशविरा किया गया तो यह पाया गया कि पानी का वेस्टेज बहुत हो रहा है। पीने का पानी की कमी हमारे सामने एक बड़ी समस्या के रूप में है। नगर पंचायत सबसे पहले अपने इलाके में सरकारी नलों से बहने वाले पानी को ठीक करा रही है। कनेक्शन धारकों को पर ध्यान रखा जा रहा है कि कहीं वो पानी वेस्ट तो नहीं कर रहे हैं। जो वेस्ट कर रहे है उनको नोटिस देने की तैयारी की जा रही है। पानी के वेस्ट को रोकने के लिए जुर्माने का भी प्रावधान किया जा रहा है। यह जुर्माना 1000 रुपये तक हो सकता है।'


लोगों के किया जा रहा है जागरूक


अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत मंझनपुर सुनील कुमार ने कहा कि 'नगर पंचायत की बैठक में निर्णय लिया गया कि जो पानी की वेस्टेज हो रही है उसे कैसे रोका जाए। इस पर हम लोग रणनीति बना रहा हैं और जहां भी हमारे वाटर पाइप लाइन लीकेज हैं उसे बंद किया जा रहा है। जनता में जन जागरूकता फैलाई जाए कि पानी की वेस्टेज कैसे रोकी जाय। अगर वो फिर भी नहीं मान रहे हैं तो उनको नोटिस के द्वारा रोका जाए। यदि उसके बाद भी नहीं माने तो कार्रवाई की जाए।



गिरता भूगर्भ जल चिंता का विषय


गिरता भूगर्भ जल स्तर लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में पानी की एक एक बूंद इंसानी जिंदगी के लिए कीमती हो जाती है। पानी की इसी कीमत को समझाने के लिए नगर पंचायत का यह फैसला है इन दिनों चर्चा में है। नगर पंचायत ने इलाके में पानी की कीमत को समझते हुए पानी बचाने पर जोर दिया है। नगर पंचायत अध्यक्ष ने अपने वार्ड के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर प्रस्ताव पारित करते हुए पानी को बर्बाद करने वालो पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है। नगर पंचायत का मानना है कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए जो जुर्माना जनता से लिया जायेगा, वह भी जनता के विकास कार्य में ही खर्च किया जायेगा। इस फैसले के बाद मंझनपुर नगर पंचायत की आम जतना बेहद खुश है उनको यह उम्मीद है कि पानी की बर्बादी रोकने का इससे अच्छा तरीका दूसरा हो ही नहीं सकता।


सराहनीय पहल


नगर पंचायत की पहल के बाद आम नागरिकों और युवाओं का कहना है कि 'नगर पंचायत का फैसला सराहनीय है लेकिन नगर पंचायत को पहले अपने स्टैंड पोस्ट और नलों से पानी के वेस्टेज को रोकना होगा। जो पहल अब शुरू हुई है इससे आने वाली पीढ़ी को फायदा मिलेगा।



सभासदों ने किया समर्थन


नगर पंचायत मंझनपुर के भौगोलिक दायरे में बारह वार्ड आते हैं। इन बारह वार्डों को नगर पंचायत प्रशासन चार नलकूप और दो पानी की टंकियो से पानी की सप्लाई की जाती है। मंझनपुर नगर पंचायत की कुल आबादी 17 हजार से अधिक है, जिसमें पानी के कनेक्शन 5 हजार से अधिक हैं। नगर पंचायत के इस फैसले पर इलाके के सभी सभासदों ने खुलकर समर्थन किया है साथ ही वह खुद भी जनता के बीच जाकर उनको जल संरक्षण के मायने समझा रहे हैं।