Kaushambi News: कौशांबी में दस रुपए किलो में बेच दी गई सरकारी स्कूल की किताबें, प्रिंसिपल पर होगी कार्रवाई
Government School Books: कौशांबी में पूर्व माध्यमिक विद्यालय के छात्रों की किताबों को दस रुपए किलों के हिसाब से कबाड़ी को बेच दिया गया. जिसके बाद बीएसए ने कहा कि प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
Kaushambi News: यूपी सरकार (UP Government) गरीबों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए मुफ्त में किताब, बैग, यूनिफॉर्म आदि उपलब्ध करा रही है. लेकिन मोटी पगार लेने के बाद भी शिक्षक अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वाहन नहीं करते हैं. जिसके चलते बच्चों का भविष्य संवरने के बजाय बिगड़ता जा रहा है. कौशांबी में सरकारी विद्यालयों में तैनात शिक्षकों की लापरवाही उजागर हुई है. यहां के पूर्व माध्यमिक विद्यालय अगियौना के छात्रों की किताबों को दस रुपए किलों के हिसाब से कबाड़ी को बेच दिया गया.जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
क्या है पूरा मामला?
कबाड़ी के हाथ किताब बेचने की जानकारी ग्राम प्रधान को हुई तो उन्होंने किताबों को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद बीएसए को जानकारी दी. मौके पर पहुंचे बीएसए ने प्रधानाध्यापिका से बात की तो उन्होंने बताया कि यह किताबे पिछले सत्र की हैं. बीएसए प्रकाश सिंह ने बताया कि कबाड़ी के हाथ किताब बेचने की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है. रसोइया रविवार होने की वजह से स्कूल गई थी और गांव के ही कबाड़ी को बुलाकर किताब बेंच दी थी.इसमे प्रधानाध्यापिका की शिथिलता नजर आई है. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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मंझनपुर विकास खंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय अगियौना में 436 बच्चों का दाखिला है. प्रत्येक सप्ताह की तरह इस रविवार को भी स्कूल बंद था.लेकिन विद्यालय की रसोइया श्याम गुजरी अवकाश होने के बाद भी स्कूल पहुंची. स्कूल में रखी पिछले सत्र 2021-22 की किताबों को ऑफिस से बाहर निकाला. इसके बाद गांव के एक कबाड़ी को बुलाया. रसोइया ने दस रुपए किलो के हिसाब से लगभग डेढ़ सौ किलो किताबों को बेंच दिया. कबाड़ी किताब लेकर गोदाम पहुंचा. गोदाम में सरकारी विद्यालय की किताबें ग्रामीणों ने देखी. किसी ने किताबों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.जिसके बाद हड़कंप मच गया.
बीएसए ने प्रिंसिपल को लगाई फटकार
जानकारी ग्राम प्रधान संदीप चौधरी को हुई तो वह गोदाम पहुंचे और किताबों को अपने घर उठा ले गए और मामले की जानकारी बीएसए प्रकाश सिंह को दी गई. उन्होंने मौके पर पहुंच कर छानबीन शुरू कर दी.इतना ही नहीं पूछताछ के लिए रसोइया के घर भी गए लेकिन रसोइया घर से गायब थी. इसके बाद बीएसए ने प्रधानाध्यापिका प्रेमलता से किताबों के बेचने के बारे में पूछताछ की तो प्रधानाध्यापिका ने बताया कि यह किताबें पिछले सत्र 2021-22 की है. इन किताबों को बच्चों से वापस लिया गया था. विद्यालय की साफ-सफाई कराई जा रही थी. इसलिए किताबों को बेच दिया गया है. बीएसए ने प्रधानाध्यापिका को जमकर फटकार लगाई.
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