उत्तर प्रदेश के कौशांबी में जिला और सत्र न्यायालय की चौखट पर एक अधेड़ की मौत हो गई. व्यक्ति की मौत से अधिवक्ताओं में हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने व्यक्ति की बॉडी को कब्जे में लिया और जिला अस्पताल पहुंच. वहां डॉक्टर्स ने व्यक्ति के मृत होने की पुष्टि की, जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
वहीं, मौत की खबर सुनकर मृतक शख्स के घर में कोहराम मच गया. परिजन रोते बिलखते जिला अस्पताल पहुंच गए. परिजनों ने बताया कि मृतक अदालत में साल 2003 से जमीनी विवाद के मुकदमे में पैरवी कर रहा था.
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जमीन के विवाद को लेकर 19 साल से लगा रहा था कोर्ट के चक्कर
मामला पश्चिमशरीरा थाना इलाके के कटहनिया का है. यहां के रहने वाले 60 वर्षीय संतोष पाल का गांव के ही रहने वाले मिश्री लाल, देवनाथ और जिया लाल से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. साल 2003 में यह लड़ाई कोर्ट तक पहुंची और तबसे ही लगातार संतोष कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाता था. संतोष पाल ने 2003 में जमीन कब्जा किए जाने का मुकदमा दायर किया था. जिला सत्र न्यायालय में 2003 से लेकर अब तक संतोष लगातार कोर्ट की पैरवी कर रहा था. बताया जा रहा है कि उक्त जमीन को लेकर तीन बार डिग्री भी हो चुकी है, लेकिन संतोष को कब्जा नहीं मिल सका.
मुकदमे की पैरवी के लिए संतोष गुरुवार को न्यायालय अपने अधिवक्ता ज्ञान सिंह के पास पहुंचा हुआ था. अधिवक्ता ज्ञान सिंह संतोष को चैंबर में बैठाकर मुकदमे की जानकारी लेने के लिए कोर्ट चले गए थे. जब अधिवक्ता केस की जानकारी लेकर वापस अपनी सीट पर आए, तो देखा कि संतोष बेसुध पड़ा है. उसे हिलाकर उसका तबीयत जानने की कोशिश की तो वह मृत मालूम हुआ. इसके बाद कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया.
अस्पताल आने से पहले ही हो चुकी थी मौत
संतोष की मौत की सूचना अधिवक्ताओं ने मंझनपुर कोतवाली पुलिस को दी. हालांकि सूचना पर पहुंची पुलिस एंबुलेंस की मदद से संतोष के शव को जिला अस्पताल लेकर पहुंची. यहां अस्पताल के इमरजेंसी डॉक्टर डीआर सिंह ने उसकी मौत की पुष्टि की. मौत की खबर मृतक संतोष के परिजनों को हुई तो वह रोते हुए अस्पताल पहुंच गए. जिला अस्पताल के इमरजेंसी चिकित्सक डॉ. डी आर सिंह के मुताबिक, पुलिस ने 108 एंबुलेंस की मदद ली और अधेड़ व्यक्ति को अस्पताल लेकर आई, लेकिन अस्पताल लाए जाने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी.