कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में बिहार के बक्सर और गाजीपुर जैसी तस्वीरे ना देखने को मिले, इसके लिए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. यहां के गंगा घाटों पर पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए हैं. ये जवान गंगा किनारे शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए आने वालों को कोरोना वायरस के बढ़ रहे खतरे से आगाह कर रहे हैं. उन्हें गंगा में शव प्रवाहित करने और गंगा किनारे शव दफनाने के लिए रोकते हैं.


सादी वर्दी में तैनात हैं जवान
पीएसी के जवान लोगों को शवों को जलाने की सलाह देते हैं. इतना ही नहीं यदि कोई गरीब परिवार के लोग शव लेकर घाट आते हैं और उनके पास शव जलाने के लिए पैसे नहीं होते तो स्थानीय पुलिस से पीएसी के जवान मदद करवाते हैं. उनके लिए अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी आदि की व्यवस्था करवाते हैं. पीएसी के जवान सादी वर्दी में घाटों का जायजा लेते हैं. शासन की गाइडलाइन के अनुसार शवों का अंतिम संस्कार करवाते हैं, ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण पानी में फैलने ना पाए. 


जिला प्रशासन अलर्ट
गाजीपुर और बिहार के बक्सर के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में गंगा नदी में भारी मात्रा में शव उतराते नजर आए हैं. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ये शव कोरोना संक्रमण के कारण मरे हुए लोगों के हैं. कौशांबी के गंगा घाटों में ऐसी तस्वीर ना देखने को मिले इसे लेकर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. गंगा नदी के किनारे घाटों पर पीएसी के जवान तैनात कर दिए गए हैं. ये जवान शासन की गाइडलाइन के अनुसार शव लेकर घाट पर आए लोगों को कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसके अलावा लोगों को शवों को गंगा में प्रवाहित करने एवं दफनाने के बजाय जलाने की सलाह देते हैं. 


पीएसी के जवान करते हैं मदद
कड़ा धाम के मुख्य मार्ग पर ही जवानों ने बैरिकेडिंग कर रास्ते को बंद कर दिया है. यदि कोई शव लेकर आता है तो उन्हें जलाने की सलाह दी जाती है. इसके बाद जैसे ही घाट किनारे लोग शव लेकर पहुचते हैं, वहां पर पहले से मौजूद जवान लोगों को शव जलाने के लिए इंतजाम करवाते हैं. यदि किसी व्यक्ति के पास शव जलाने के लिए लकड़ी नहीं होती तो पीएसी के जवान स्थानीय पुलिस के माध्यम से पीड़ित की मदद करवाते हैं.


शव को जलाने की देते हैं सलाह 
प्रयागराज पीएसी चतुर्थ वाहिनी के हेड कांस्टेबल रमेश त्रिपाठी ने बताया कि पीएसी के जवान सादी वर्दी में घाट किनारे जाकर लोगों को जागरूक करते हैं. उन्हें शवों को गंगा में प्रवाहित करने एवं दफनाने के बजाय जलाने की सलाह दे रहे हैं. साथ ही स्थानीय पुलिस से गरीब पीड़ितों की मदद कराई जा रही है.


ये भी पढ़ें   


गोंडा: ग्रामीण इलाकों में बिगड़े हालात, 2 गांवों में 15 दिनों के भीतर 20 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत