कौशांबी: उत्तर प्रदेश की कौशांबी पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. एसओजी, साइबर सेल एवं मंझनपुर कोतवाली पुलिस की टीम ने मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर अफसरों से वसूली करने वाले एक शातिर को गिरफ्तार किया है. उसने राम मंदिर निर्माण के नाम पर भी कई लोगों से ठगी की है. आरोपी ने कबूल किया है कि, अब तक उसने 30 से 40 लोगों को अपना शिकार बनाया है. उन लोगों से 4 से 5 लाख रुपए तक की वसूली भी कर चुका है. कौशाम्बी जिले के सीएमओ, आबकारी अधिकारी एआईजी स्टांप अधिकारी से भी वह वसूली कर चुका है.
इनमें से एक अफसर ने पुलिस को तहरीर दी थी. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने बताया कि, उसे क्राइम पेट्रोल एवं सीआईडी सीरियल से ठगी करने की प्रेरणा मिली है. एसपी अभिनंदन ने प्रेस वार्ता कर युवक के बारे में बताया कि वह बेहद ही शातिर है. मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर क्लास वन अफसरों को फोन करके उनसे पैसे की मांग करता था. पैसा न देने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री से कहकर कार्रवाई कराने की धमकी भी देता था.
इस तरह धरा गया शातिर ठग
कौशांबी जिले के जिला आबकारी अधिकारी एवं सहायक आयुक्त स्टांप राजेंद्र प्रसाद शर्मा के मोबाइल पर 17 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर पैसे की मांग की थी. जब आबकारी अधिकारी ने पैसे देने से इंकार किया तो सीएम से कहकर कार्रवाई करने की धमकी भी दी. कार्रवाई से बचने के लिए आबकारी अधिकारी ने उसे पैसे दे दिये. बाद में पता चला है कि वह मुख्यमंत्री का ओएसडी नहीं है तो उन्होंने मंझनपुर कोतवाली में आरोपी के खिलाफ तहरीर दी. मामला सीएम के ओएसडी बताकर फर्जीवाड़ा करने का था. ऐसे में एसपी अभिनंदन ने एसओजी एवं साइबर सेल की टीम गठित कर आरोपी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. पुलिस के अनुसार जब उक्त नंबर को सर्विलांस में लगाया गया तो उसकी लोकेशन कभी पश्चिम बंगाल तो कभी झारखंड में मिल रही थी. ऐसे में पुलिस को उसे पकड़ने में काफी दिक्कत हो रही थी, लेकिन आज वह ठगी करने के चक्कर में ही कौशांबी जिला आया था. पुलिस को उसकी लोकेशन मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के कादीपुर गांव के पास मिली तो पुलिस ने मुखबिरों का जाल बिछा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
30 से 40 लोगों को बना चुका है शिकार
पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना नाम अरविंद कुमार मिश्रा उर्फ अजय कुमार निवासी रायदेपुर थाना व जनपद अमेठी बताया. उसने यह भी बताया कि अब तक वह 30 से 40 लोगों को ठग चुका है और उन लोगों से 4 से 5 लाख तक की वसूली भी कर चुका है. पूछताछ के दौरान उसने यह भी बताया कि वह सिर्फ अफसरों को अपना टारगेट बनाता था. आम पब्लिक से कभी उसने फोन करके पैसे की मांग नहीं की. पुलिस ने सख्ती की तो उसने बताया कि वह राम मंदिर निर्माण के नाम पर भी कई लोगों को ठग चुका है. जिसकी पुलिस जानकारी हासिल कर रही है. आरोपी अरविंद कुमार ने बताया कि वह लखनऊ सचिवालय के बाहर तीन साल तक चाय बेचता था, जिसकी वजह से उसे सचिवालय के भीतर कौन-कौन से अधिकारी होते हैं, किस अधिकारी की मुख्यमंत्री से खास पकड़ होती है, उसका इस्तेमाल किया और लोगों को ठगना शुरू कर दिया. हाईस्कूल फेल अरविंद ने बताया कि वह पहली दफा कौशांबी जनपद आया है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
सीरियल देख कर आया आइडिया
एसपी ने गिरफ्तारी में शामिल टीम को 25 हजार का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की. जब मीडिया कर्मियों ने पूछा कि उसे यह ठगी का ऐसा आइडिया कहां से मिला तो उसने बताया कि वह क्राइम पेट्रोल एवं सीआईडी सीरियल देखता था. उसी में से ठगी का तरीका देखने को मिला और तब से उसने ठगी का कार्य शुरू कर दिया. उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार एवं पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रांत के मुख्यमंत्रियों का ओएसडी बनकर वहां के अफसरों से भी वसूली का काम करता था. उसके कब्जे से कई बैंकों की चेकबुक एवं डायरी मिली.
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