Kaushambi: कौशांबी में खेत में सड़ने लगी धान की फसल, नहीं रुकी बारिश तो होगा बड़ा नुकसान, किसानों को मुआवजे की आस
यूपी के कौशांबी में लगातार एक हफ्ते से मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसलों को हो रहा है. अधिक बारिश एवं तेज हवा के चलते फसलें खेत में दफन हो गई हैं.
UP News: यूपी के कौशांबी (Kaushambi) में लगातार एक हफ्ते से मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसलों (Paddy Crop) को हो रहा है. अधिक बारिश और तेज हवा के चलते फसलें खेत में दफन हो गई हैं. जिससे धान की फसल सड़ने के कगार पर पहुंच गई हैं. यदि बारिश नहीं रुकी तो बर्बादी का सिलसिला और भी बढ़ जाएगा. किसान बारिश से बर्बाद फसलों के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
बारिश नहीं थमी तो होगा और नुकसान
वहीं कृषि विभाग के आंकड़ों पर जाएं तो जिले में अभी तक महज 15 से 20 फ़ीसदी धान की फसल बर्बाद हुई है. यदि बारिश नहीं थमी तो फसल और भी ज्यादा नष्ट हो सकती है. जिले के किसान अपनी आंखों के सामने ही फसलों को बर्बाद होता देख रहे हैं. लेकिन वह चाहकर भी कुदरत के कहर से फसलों को बचाने का कोई उपाय भी नहीं कर पा रहे हैं. कौशांबी कृषि प्रधान जनपद माना जाता है. यहां की अधिकतर आबादी खेती किसानी पर ही निर्भर रहती है. इस दफा खरीफ का मौसम शुरू होते ही लगभग डेढ़ से दो महीने तक बारिश नहीं हुई थी. ऐसे में किसानों ने निजी और सरकारी नलकूपों के भरोसे धान की नर्सरी तैयार कर ली थी. इसके बाद कुछ किसानों ने धान की रोपाई भी कर ली थी. जिन किसानों के पास धान की सिंचाई के लिए संसाधन नहीं थे, वह किसान बारिश का इंतजार करने लगे.
अगस्त की बारिश से खिल उठे थे किसानों के चेहरे
अगस्त महीने से जैसे ही बारिश शुरू हुई तो किसानों ने युद्ध स्तर पर धान की रोपाई शुरू कर दी थी. बारिश काफी अच्छी हुई. ऐसे में किसानों के चेहरे खुशी से खिल गए थे. समय-समय पर बारिश होती गई तो धान की फसल भी काफी अच्छी तैयार हो गई थी. लेकिन पिछले एक हफ्ते से जिले में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई है. ऐसे में किसानों की फसल डूबने लगी है. यह फसलें अब सड़ने के कगार पर पहुंच गई हैं. किसान अपनी आंखों के सामने ही खून पसीने की कमाई को बर्बाद होते देख रहे हैं. उन्हें उम्मीद थी की फसल अच्छी तैयार हो रही है. ऐसे में इस वर्ष उनके परिवार का भोजन काफी अच्छे से चलेगा. लेकिन अब वह बर्बाद हो रही फसल को चाह कर भी नहीं बचा पा रहे हैं.
बीमाधारकों को मिल पाएगा मुआवजा
उप कृषि निदेशक उदय भान सिंह गौतम ने बताया कि अभी तक जिले में महज 15 से 20 फीसदी फसलें का नुकसान हुआ है. हालांकि अभी तीनों तहसीलों में सर्वे का काम चल रहा है. सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही फसल बर्बाद होने का सही आंकड़ा सामने आएगा उन्होंने यह भी बताया जा सकता है. अभी सिर्फ अगेती फसलों को नुकसान हो रहा है. पिछड़ की फसलों को अभी नुकसान नहीं हो रहा है, जिन किसानों ने फसलों का बीमा कराया था, उन किसानों को फसल बर्बादी का मुआवजा जरूर मिलेगा.
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