कौशाम्बी: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में बालू घाटों से ओवरलोडिंग का खेल नहीं बंद हो रहा है. नतीजतन सड़कें तो क्षतिग्रस्त हो ही रही हैं साथ ही राजस्व की भारी क्षति भी हो रही है. डीएम अमित कुमार सिंह ने बालू ओवरलोडिंग को रोकने के लिए रिटायर्ड सेना के जवानों को लगा दिया है. ये रिटायर्ड फौजी जिले के महेवाघाट, लेहदरी, तिल्हापुर, ओसा और फतेहपुर बॉर्डर पर तैनात हैं.
करते हैं कार्रवाई
सेना के रिटायर्ड जवान ड्यूटी पर मुस्तैदी से तैनात होकर ओवरलोड वाहनों की चेकिंग करते हैं. इसके अलावा ओवरलोड बालू लदे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी करते हैं. इसके बाद भी बालू माफिया रिटायर्ड सेना के जवानों से नजरें बचाकर ओवरलोड वाहनों को निकालने में गुरेज नहीं कर रहे हैं.
ओवरलोड वाहनों का किया पीछा
बुधवार को भी कुछ ओवरलोड बालू लदे वाहन कच्चे रास्ते से होकर निकल रहे थे. जब सचल दस्ते में शामिल रिटायर्ड सेना के जवानों की निगाह पड़ी तो उन्होंने ओवरलोड वाहनों का पीछा कर लिया. सचल दस्ते को आता देख कुछ ओवरलोड ट्रक भाग निकले लेकिन कोखराज इलाके में 4 ओवरलोड ट्रकों को पकड़ लिया गया.
40 लाख रुपए शुल्क वसूला गया
ओवरलोड वाहनों के पकड़े जाने की जानकारी सचल दस्ते ने एआरटीओ शंकर जी सिंह और जिला खनन अधिकारी आरपी सिंह को दी. मौके पर पहुंचकर अफसरों ने वाहनों का चालान कर दिया. जिला खनन अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि 15 दिन के भीतर 70 बालू लदे ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जिनसे लगभग 40 लाख रुपए का शमन शुल्क भी वसूला गया है.
मुस्तैंद हैं रिटायर्ड सेना के जवान
आरपी सिंह ने ये भी बताया कि डीएम के निर्देश पर रिटायर्ड सेना के जवानों को भी बालू की ओवरलोडिंग रोकने के लिए सचल दस्ते के रूप में लगाया गया है. ये जवान 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहकर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं.
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