Kaushambi News: क्या होगा डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य की ससुराल के गांव का नाम? शासन को भेजा गया प्रस्ताव
Kaushambi News: जिला पंचायत सदस्य तूफान सिंह यादव ने Deputy CM Keshav Prasad Maurya की ससुराल अफजलपुरवारी का नाम बदलकर शिवपुर या शिवपुरवारी रखने का प्रस्ताव जिला पंचायत अध्यक्ष के सामने रखा है.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी (Kaushambi) में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में है लेकिन इस दफा उनका नाम सियासत की उठा पटक के लिए नहीं बल्कि उनकी ससुराल का नाम बदलने को लेकर चर्चा में है. बीजेपी नेता और वार्ड के जिला पंचायत सदस्य तूफान सिंह यादव ने डिप्टी सीएम की ससुराल अफजलपुरवारी का नाम बदलकर शिवपुर या फिर शिवपुरवारी रखने का प्रस्ताव मिनी सदन की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष के सामने रखा है.
जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी दिया आश्वासन
जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर ने भी उनके प्रस्ताव को शासन को भेजकर गांव का नाम बदलने का आश्वासन दिया है. अफजलपुरवारी का नाम राजस्व एवं अन्य अभिलेखों से हटाने की चर्चा इन दिनों इलाके में काफी जोरों पर है. अब देखना यह होगा कि क्या प्रदेश के जनपदों की तरह अफजलपुरवारी का नाम बदलकर शिवपुरवारी या शिवपुर किया जाएगा.
डिप्टी सीएम की ससुराल है खूझा
सिराथू तहसील से लगभग 15 किलोमीटर दूर कौशांबी फतेहपुर बॉर्डर पर अफजलपुरवारी ग्राम पंचायत बसा है. इस ग्राम सभा में 5 मजरे हैं, जिसमें खुझा, बाले का पूरा, मैदहाई, मीरापुर और कैथीपर शामिल हैं. खूझा की बात करें तो यह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की धर्मपत्नी राजकुमारी मौर्य का पैतृक गांव भी है. केशव प्रसाद मौर्य की ससुराल होने के नाते गहरा नाता भी है. यहां पर हिंदू और मुस्लिम दोनों बिरादरी के लोग सौहार्द पूर्ण तरीके से रहते हैं. दोनों धर्म के लोग एक दूसरे के त्यौहार में शामिल होते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर एक दूसरे की बढ़-चढ़कर मदद भी करते हैं.
अफजलपुरवारी का नाम बदलने की चर्चा
इन दिनों अफजलपुरवारी का नाम बदलकर शिवपुरवारी या फिर शिवपुर रखने की चर्चा जोरों पर है. वार्ड नंबर 12 के जिला पंचायत सदस्य तूफान सिंह यादव ने ग्राम पंचायत का नाम बदलने की पहल की है. तूफान सिंह यादव ने पिछले हफ्ते जिला पंचायत की बैठक में ग्राम पंचायत का नाम बदलने का प्रस्ताव मिनी सदन में जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर के सामने रखा है. ग्राम पंचायत का नाम बदलने के पीछे उन्होंने तर्क भी रखा है.
क्या तर्क रखा नाम बदलने के लिए
जिला पंचायत सदस्य तूफान सिंह यादव ने बताया कि अफजलपुरवारी उनके वार्ड की एक ग्रामसभा है. वर्ष 1952 के पहले अफजलपुरवारी का नाम राजस्व अभिलेखों में शिवपुर ही था लेकिन किसी कारणवश ग्राम पंचायत का नाम बदलकर अफजलपुरवारी कर दिया गया था. उन्होंने यह भी बताया कि 13 दिसंबर 2001 को जब संसद भवन पर आतंकी अफजल गुरु और उसके साथियों ने हमला किया तो इस आतंकी हमले में कई बेगुनाहों की जाने चली गई थी. हालांकि देश की सरकार ने अफजल गुरु को गिरफ्तार कर लिया था और उसे फांसी की सजा भी दी गई लेकिन अफजल जैसे आतंकी के नाम से अफजलपुरवारी ग्राम पंचायत का नाम है. यह बात उन्हें नागवार गुजर रही थी.
ये तर्क भी दिया
इसके अलावा तूफान सिंह यादव का मानना है कि आतंकी अफजल के नाम से ग्राम पंचायत का नाम है. ऐसे में युवाओं और आने वाली पीढ़ी पर इसका बुरा असर पड़ेगा, जिसके चलते उन्होंने मन ही मन यह फैसला किया था कि यदि उन्हें मौका मिला तो वे अफजलपुरवारी ग्राम पंचायत का नाम बदलकर शिवपुर या शिवपुरवारी ही करवाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि भगवान शिव के नाम से उनकी ग्राम पंचायत का नाम शिवपुर होगा तो युवाओं में हिंदू धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी. देश की संस्कृति और सभ्यता बरकरार रहेगी.
कोई विरोध सामने नहीं आया
वर्ष 2021 में तूफान सिंह यादव वार्ड नं 12 से जिला पंचायत सदस्य चुने गए. विकास कार्यों के अलावा उन्होंने ग्राम पंचायत का नाम बदलने का प्रस्ताव जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर के सामने रखा. जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी शासन को प्रस्ताव भेजकर ग्राम पंचायत का नाम बदलने की सिफारिश की है. हालांकि अभी तक ग्राम पंचायत का नाम बदलने की बात को लेकर किसी प्रकार का कोई विरोध सामने नहीं आ रहा है ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही अफजलपुरवारी का नाम बदलकर शिवपुरवारी या फिर शिवपुर कर दिया जाएगा.
डिप्टी सीएम से हो चुकी है बात-तूफान सिंह यादव
तूफान सिंह यादव ने यह भी बताया कि ग्राम पंचायत का नाम बदलने के लिए वे सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से बात कर चुके हैं. यदि जरूरत पड़ी तो वह तमाम ग्रामीणों के साथ उपमुख्यमंत्री से लखनऊ मिलने के लिए जाएंगे और उनसे सिफारिश करेंगे कि ग्राम पंचायत का नाम अफजलपुरवारी से बदलकर शिवपुरवारी या शिवपुर रखा जाए. अब देखना यह होगा कि जिला पंचायत सदस्य के इस प्रस्ताव को शासन मानेगा या नहीं.