Kaushambi News: कुप्पी युद्ध की अनूठी परंपरा में बारिश ने डाली खलल, 243 साल से युद्ध करती आ रही राम-रावण की सेना
Dussehra 2022: राम और रावण की सेना के बीच 2 दिनों तक कुप्पी युद्ध का अनोखे तरीके से खेल होता है. पहले दिन राम और रावण के बीच युद्ध होता है.
Uttar Pradesh News: यूपी के कौशांबी (Kaushambi) में दारानगर कस्बे में लगातार 243 वर्षों से आयोजित दो दिवसीय ऐतिहासिक कुप्पी में बारिश ने खलल डाल दी है. पहले दिन का कुप्पी युद्ध बारिश की वजह से फीका रहा. जिला प्रशासन, पुलिस महकमे से लेकर रामलीला कमेटी का सारा इंतजाम धरा का धरा ही रहा. हालांकि वर्षों से अनवरत चलने वाली परंपरा को कायम रखने के लिए रामदल के साथ राम और रावण की सेना युद्ध स्थल तक पहुंची और नियमानुसार दोनों दलों की सेनाओं के बीच पहले दिन का युद्ध हुआ. बारिश के कारण दर्शकों की संख्या भी बेहद कम रही. ऐसे में योद्धाओं ने भी सिर्फ परंपराओं का निर्वहन ही किया जबकि कुप्पी युद्ध देखने के लिए मैदान में हजारों की संख्या होती है. अभी भी एक दिन का खेल बाकी है जिसमे कुप्पी युद्ध के साथ-साथ रावण वध का मंचन किया जाएगा. बारिश ने खलल नहीं डाली तो कुप्पी युद्ध रोमांचक होगा और दर्शकों की भीड़ भी रहेगी.
राम और रावण के बीच होता है युद्ध
दारानगर में लगातार 243 वर्षों से कुप्पी युद्ध का आयोजन किया जाता है. यह आयोजन दशहरे के शुभ अवसर पर किया जाता है. राम और रावण की सेना के बीच 2 दिनों तक कुप्पी युद्ध का अनोखे तरीके से खेल होता है. पहले दिन राम और रावण के बीच युद्ध होता है. इसके अलावा काले कपड़े पहने हुए रावण की सेना और लाल कपड़े पहने हुए प्रभु श्री रामचंद्र की सेना के बीच भी युद्ध होता है. दोनों सेनाओं में शामिल लोग प्लास्टिक की कुप्पी से एक दूसरे पर वार करते हैं. कुप्पी मारने के दौरान कोई घायल ना हो, इसका भी दोनों दल में शामिल लोग विशेष ख्याल रखते हैं. हालांकि इतनी सावधानी बरतने के बाद भी कभी-कभी मामूली रूप से कोई न कोई घायल भी हो जाता है. आयोजकों की माने तो कुप्पी युद्ध के लिए कोई रिहर्सल भी नहीं होती है.
24 घंटे से लगातार होती रही बारिश
दशहरा के दिन ही दोनों दलों की सेना मैदान में आमने-सामने होकर कुप्पी युद्ध का सजीव मंचन करती है, जिसे देखने के लिए जनपद के विभिन्न गांवों के अलावा फतेहपुर, प्रयागराज, चित्रकूट, रायबरेली और प्रतापगढ़ के लोग भारी संख्या में आते हैं. इस दफा भी रामलीला कमेटी ने कुप्पी युद्ध के मंचन के लिए बेहतर व्यवस्था की थी लेकिन लगातार 24 घंटे से हो रही बारिश की वजह से मैदान में पानी भर गया था. बारिश होने के कारण गैर जनपद के लोगों की संख्या बहुत कम थी. इतना ही नहीं जिले के गांव से आने वाले दर्शकों की भीड़ भी अधिक नहीं थी. परंपरा को कायम रखने के लिए पहले दिन साधारण तरीके से कुप्पी युद्ध का मंचन किया गया.
आज दोबारा होगा कुप्पी युद्ध
हालांकि अभी भी एक दिन का खेल बाकी है. गुरुवार को कुप्पी युद्ध दोबारा होगा, जिसमें प्रभु श्री रामचंद्र लंकापति रावण का वध करेंगे और वध के साथ ही कुप्पी युद्ध का मंचन भी खत्म हो जाएगा. अगर बारिश न हुई तो दर्शकों की संख्या काफी ज्यादा होगी. कार्यक्रम के पुरोहित नीलकमल मिश्र ने बताया कि, लगातार 243 वर्षों से दारानगर में कुप्पी युद्ध का आयोजन होता है. इस दफा भारी बारिश होने के बाद भी रामलीला कमेटी ने कुप्पी युद्ध का आयोजन किया है और कुप्पी युद्ध देखने के लिए तमाम लोग भी आए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि यह भारत का पहला और अनोखा कुप्पी युद्ध है. भारत के अन्य किसी राज्य में ऐसा आयोजन नहीं किया जाता है. इसकी वजह से कुप्पी युद्ध का बहुत ही महत्व होता है.