Rudraprayag News: आगामी मानसून सीजन में देश-विदेश से यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को जान हथेली पर रखकर सफर तय करना पड़ेगा. ऑल वेदर के बाद बद्रीनाथ (Badrinath) और केदारनाथ हाईवे (Kedarnath Highway) के डेंजर जोनों का ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है. जहां बद्रीनाथ हाईवे के सिरोबगड़ और नरकोटा (Narkota) में हर साल भूस्खलन होने से यात्री परेशान रहते हैं, वहीं केदारनाथ हाईवे पर भी कई जगहों पर भूस्खलन होने से यात्रियों साथ ही स्थानीय जनता को परेशान है.
केदारनाथ हाईवे की हालत बेहद खराब
केदारनाथ हाईवे के रुद्रप्रयाग से कुंड तक 60 फीसदी तो ठीक है, लेकिन कुंड से सोनप्रयाग तक कई जगहों पर राजमार्ग की स्थिति बद से बदतर बनी हुई है. हाईवे पर नारायणकोटी से फाटा के बीच चार बड़े डेंजर जोन हैं, जहां पर वाहन रेंगकर आगे बढ़ रहे हैं. ऑलवेदर रोड परियोजना में शामिल होने के बाद भी हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर कुछ स्थानों पर खानापूर्ति की गई है. चट्टानी क्षेत्र में कटिंग से ज्यादा खतरा पैदा किया गया है. जिससे यातायात संचालन में दिक्कतें हो रही हैं. ब्यूंग गाड़ से लेकर फाटा के बीच डेंजर जोन हैं, जहां पर हल्की चूक बड़ी अनहोनी का कारण बन सकती है. आगे की तरफ चट्टानी हिस्से में भी सड़क काफी संकरी है. कुछ स्थानों पर सरिया छोड़ी गई हैं, जो दुपहिया वाहनों के लिए खतरा है.
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मानसून सीजन में होगी मुश्किल
इसके अलावा केदारनाथ हाईवे के डोलिया मंदिर से फाटा बाजार तक भूस्खलन जोन और उखड़ा डामर यात्रियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन रहा है. भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में दोनों तरफ से चढ़ाई होने से छोटे वाहनों के संचालन में दिक्कत हो रही हैं. यहां पर उड़ती धूल से और परेशानी हो रही है. मानसून सीजन में केदारनाथ हाईवे के अलावा बद्रीनाथ हाईवे पर भी सफर करना मुश्किल हो जाता है. यहां सिरोबगड़ और नरकोटा में हर साल भूस्खलन हो रहा है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गये हैं.
प्रशासन की ओर से की गई तैयारी
वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि मानसून सीजन में केदारनाथ और बद्रीनाथ राजमार्ग पर लैंड स्लाइड होता है. ऐसे में प्रशासन की ओर से तैयारियां की गई हैं. यदि बरसात में राजमार्ग बंद होता है तो ऐसी स्थिति में तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों के लिए रहने और खाने की समुचित व्यवस्था कराई जाएगी. साथ ही डेंजर जोन वाले स्थानों पर पोकलैंड व जेसीबी मशीन तैनात कर दी जाएगी.
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