केदारनाथ सीट पर बीजेपी से टिकट के लिए बहन-भाई में छिड़ी जंग, जानें क्या है पूरा मामला?
Kedarnath By Election 2024: केदारनाथ सीट पर अगले माह होने वाले उपचुनाव से पहले सियासी दलों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. यह सीट भारतीय जनता पार्टी की विधायक शैलारानी रावत की मौत के बाद खाली हो गई.
Kedarnath Bypoll Election 2024: केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई हैं. बीजेपी विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई इस सीट के लिए चुनाव 20 नवंबर को होगा, जिसमें उनके परिवार के दो सदस्यों की दावेदारी ने सभी का ध्यान खींचा है.
शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत और धर्मपुत्र जयदीप बर्त्वाल ने केदारनाथ सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी से टिकट की दावेदारी पेश की है, जिससे इस चुनाव में भावनात्मक और पारिवारिक रिश्तों का प्रभाव भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है. शुक्रवार को ऐश्वर्या रावत ने ऊखीमठ स्थित रिटर्निंग कार्यालय से नामांकन पत्र खरीदा और अपनी दावेदारी को मजबूत संकेत दिए.
ऐश्वर्या रावत पेश की दावेदारी
ऐश्वर्या रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी दावेदारी का उद्देश्य अपनी मां के अधूरे वादों को पूरा करना है. वह अपनी मां के पदचिन्हों पर चलना चाहती हैं और जनता से किए गए वादों को निभाने के लिए चुनावी मैदान में उतर रही हैं. ऐश्वर्या का बीजेपी पैनल में शामिल होना उन्हें एक मजबूत प्रत्याशी बनाता है.
दूसरी ओर शैलारानी रावत के धर्मपुत्र जयदीप बर्त्वाल ने भी टिकट की दावेदारी कर पेश की है. जयदीप ने कहा कि बीजेपी की परंपरा के अनुसार उपचुनावों में परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता दी जाती है, इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी दावेदारी पेश की है.
शैलारानी के धर्म पुत्र का गंभीर आरोप
जयदीप ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, वे उसे पूरा समर्थन देंगे और समर्पित भाव से काम करेंगे. जयदीप ने एक प्रेस वार्ता में अपनी मां शैलारानी रावत के निधन को लेकर कुछ गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि उनकी मां की मौत लापरवाही से हुई थी और उन्हें अंतिम समय में अपनी मां से मिलने तक नहीं दिया गया.
जयदीप ने कहा कि इस पूरे मामले में उनके खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी, जिससे उन्हें और अधिक पीड़ा हुई. उन्होंने खुलासा किया कि जब वह मेदांता अस्पताल में अपनी मां के ऑपरेशन के बारे में जानकारी लेने गए तो उन्हें डॉक्टरों से चर्चा करने की अनुमति नहीं मिली. जयदीप ने कहा, "भले ही मेरा खून का रिश्ता नहीं था, लेकिन मैं पिछले तीन दशकों से धर्मपुत्र की तरह उनके साथ रहा हूं."
6 प्रत्याशियों ने खरीदा नामांकन
केदारनाथ सीट पर सियासी जद्दोजहद बढ़ती जा रही है. इस बीच रिटर्निंग अधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि अभी तक कुल छह प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र खरीदे हैं. हालांकि, अब तक किसी ने भी औपचारिक रूप से नामांकन जमा नहीं किया है.
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