केदारनाथ उपचुनाव में BJP की जीत, पीएम मोदी- CM धामी की रणनीति से कांग्रेस चित
Kedarnath By Election 2024 Result: केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल ने जीत हासिल की. यह सीट बीजेपी विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हो गई थी.
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Kedarnath Bypoll Election 2024: उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल ने जीत दर्ज की. आशा नौटियाल ने कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत को 5 हजार 622 वोटों के अंतर से हराया. केदारनाथ में बीजेपी की जीत पर सियासी गलियारों में एक नई चर्चा शुरू हो गई है.
कांग्रेस की हार के लिए कई वजहों को जिम्मेदार बताया जा रहा है. एंटी इनकम्बेंसी के सूत्र पर नापे जाने वाली चुनावी राजनीति में मतदाता अब नकारात्मक प्रचार के बजाय काम करने वाली सरकारों को दोबारा जनादेश देने से हिचकते नहीं है. यही रुझान शनिवार को घोषित केदार विधानसभा उपचुनाव परिणाम में भी देखने को मिला रहा है.
बीजेपी के विकास कार्यों पर मुहर?
केदारनाथ की जनता ने पवित्र धाम और यात्रा को लेकर किए गए कांग्रेस के दावों को नकारते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर पुष्कर सिंह धामी सरकार के विकास कार्यां पर अपनी मुहर लगाई है. 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से भारतीय मतदाताओं के मिजाज में एक गुणात्मक बदलाव आया है.
मतदाता अब सरकारों का आंकलन उनकी परफॉरमेंस के आधार पर करने लगे हैं. साल 2019 और 2024 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी रही हो या फिर 2022 में उत्तराखंड और यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम रहे हों, या हाल ही में हरियाणा में बीजेपी सरकार की वापसी, इसकी बानगी है.
ये सिलसिल हमें केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भी देखने का मिला रहा है. इस उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूरी तरहसे लीक से हटकर मुद्दों पर फोकस किया. उपचुनाव में क्षेत्रवाद से लेकर जातिवाद का कार्ड खेल गया, लेकिन मतदाताओं ने सभी तरह के दावों और कयासों को सिरे से खारिज कर दिया. केदारनाथ धाम से लेकर पूरे यात्रा मार्ग के लिए केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार के जरिये किए जा रहे विकास कार्यों पर मुहर लगाने का काम किया है.
कांग्रेस इन मुद्दों को उठाया
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का प्रचार मुख्य रूप से चारधाम यात्रा को कैंचीधाम की ओर मोड़ने, दिल्ली में एक ट्रस्ट की ओर से बनाए जा रहे मंदिर को केदारनाथ धाम से जोड़ने, केदारनाथ मंदिर को दान में मिले सोना पर सवाल उठाने के साथ ही पहाड़ की दो प्रमुख जातियों को आमने सामने रखने पर केंद्रित था.
कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं ने खुलकर इन मुद्दों जोरशोर से उठाया. कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत तो यहां तक कह गए कि यह मुकाबला उनके और बीजेपी प्रत्याशी आशा नौटियाल के बीच नहीं बल्कि ‘धाम’ और ‘धामी’ के बीच है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत तमाम नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर हमलावर रहे.
सीएम ने दी करोड़ों की सौगात
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बीजेपी के चुनाव अभियान का खुद नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने पहले ही दिन से केदारनाथ सहित पूरे चारधाम यात्रा मार्ग क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को जनता के सामने रखा. साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं, युवाओं के लिए चलाई जा रही नीतियों को हाईलाइट किया.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद उन्होंने आगे आकर उपचुनाव तक खुद को केदारनाथ सीट का विधायक माना और क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 700 करोड़ की घोषणाएं कीं. जिनके शासनादेश भी जारी हो चुके हैं. अपने कैम्पेन में धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदार प्रेम को मतदाताओं के सामने भुनाने की कोशिश की.
पीएम मोदी के केदारनाथ प्रेम को भुनाया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि साल 2013 में जलप्रलय से ध्वस्त हो चुकी केदारपुरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस तरह संवारा और आज केदारनाथधाम नये स्वरूप में दिखाई दे रहा है. साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की 7 बार केदारनाथ की यात्रा का जिक्र उन्होंने अपने हर भाषण में किया.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन ने भी कंधे से कंधा मिलाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पूरा साथ दिया. बीजेपी आलाकमान ने कैबिनेट मंत्रियों समेत पार्टी के सभी विधायकों का चुनाव प्रचार में बखूबी इस्तेमाल किया.
नैरेटिव तोड़ने में सफल रही BJP
केदरानाथ धाम में हुए उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी ने कांग्रेस के जरिये सेट किए गए नैरेटिव को तोड़ने में कामयाब रही है. केदारनाथ की जनता ने क्षेत्रवाद ओर जातिवाद के मुद्दे को सिरे से खारिज करते हुए रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के संकल्प पर भी मुहर लगा दी है.
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