Kedarnath Bypolls 2024: केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर मनोज रावत को इस क्षेत्र से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. मनोज रावत, जो 54 वर्ष के हैं और पेशे से एक पूर्व पत्रकार रह चुके हैं. वह 2017 में कांग्रेस के टिकट पर इस क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधायक बनने का गौरव हासिल किया था. लेकिन 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, जिसमें वे तीसरे स्थान पर रहे थे.


हाल ही में बीजेपी विधायक शैला रानी रावत की मृत्यु के कारण यह सीट खाली हुई है, जिसके चलते उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. शैला रानी रावत ने पिछले चुनाव में 20,678 वोट लेकर जीत हासिल की थी. इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार कुलदीप रावत ने 13,134 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहकर सभी को चौंका दिया था. मनोज रावत को तब 12,000 वोट मिले थे.


इस वजह से मिला टिकट
कांग्रेस ने मनोज रावत को फिर से टिकट देकर उनके अनुभव और स्थानीय जनता के साथ उनके संबंधों को ध्यान में रखा है. पार्टी की रणनीति है कि मनोज रावत के माध्यम से वह 2022 के चुनाव में मिली हार का बदला ले सके. उनके पत्रकारिता के अनुभव ने उन्हें क्षेत्र की समस्याओं और लोगों की जरूरतों को समझने में मदद की है. 


मनोज रावत ने अपने प्रत्याशी बनने पर कहा, “मैं अपनी पार्टी और क्षेत्र की जनता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. मुझे विश्वास है कि हम मिलकर केदारनाथ के विकास के लिए काम कर सकेंगे.” उन्होंने यह भी कहा कि वह जनता के साथ संवाद बनाए रखते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे.


बीजेपी के लिए चुनौती
कांग्रेस के लिए यह चुनाव जीतना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि अगर वह इस सीट को वापस जीतने में सफल होते हैं, तो यह पार्टी के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत होगी. इसके अलावा, यह बीजेपी के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर जब शैला रानी रावत की लोकप्रियता को देखते हुए उनकी विरासत को बनाए रखने की आवश्यकता होगी.


विधानसभा में खाली हुई इस सीट पर विभिन्न पार्टियों की नजरें टिकी हुई हैं. भाजपा अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए नए चेहरे को सामने ला सकती है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन भी महत्वपूर्ण साबित होगा. इस उपचुनाव के साथ क्षेत्र की राजनीति में नई परतें खुलने की संभावना है. मनोज रावत के नेतृत्व में कांग्रेस को उम्मीद है कि वह एक मजबूत अभियान के जरिए अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता के सामने रख सकें. 


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क्या होगी चुनौती
चुनावी मैदान में उनकी वापसी को लेकर स्थानीय जनता में भी उत्सुकता है. सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मनोज रावत ने वादा किया है कि वे स्थानीय समस्याओं को हल करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे. उनका यह कदम कांग्रेस की रणनीतिक तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आगामी चुनावों में सफलता की कुंजी साबित हो सकता है. 


केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में होने वाले इस उपचुनाव का परिणाम केवल क्षेत्र की राजनीति ही नहीं, बल्कि प्रदेश की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित करेगा. सभी की नजरें अब 2022 के चुनाव के बाद होने वाले इस महत्वपूर्ण चुनाव पर टिकी हुई हैं.