Kedarnath Dham: केदारनाथ मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें मार्ग में फंसे यात्रियों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं. 3 अगस्त 2024 को 1865 यात्रियों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. 3 अगस्त तक कुल 9099 यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका है. करीब 1000 यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए अभियान जारी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रेस्क्यू अभियान की स्वयं मॉनीटरिंग कर रहे हैं. यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है. 

 

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दिनांक 2 अगस्त 15 यात्री केदारनाथ से एयरलिफ्ट किए गए. लिंचौली और भीमबली से 1354 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. भीमबलीध्लिंचौली से पैदल 365 यात्री चौमासी-कालीमठ पहुंचे तथा गौरीकुंड से सोनप्रयाग पैदल पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 5500 रही. 3 अगस्त को केदारनाथ से 43 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया. लिंचौली और भीमबली से कुल 495 यात्री एयरलिफ्ट किए गए. वहीं 90 यात्री भीमबलीध्लिंचौली से पैदल चौमासी-कालीमठ सुरक्षित पहुंचे. गौरीकुंड से सोनप्रयाग आने वाले यात्रियों की संख्या 1162 रही. गौरीकुंडद्ध से 75 तीर्थयात्रियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. वहीं विभिन्न स्थानों पर फंसे करीब 1000 यात्रियों को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई जारी है. 

 

आपदा में अबतक 17 लोगों की मौत

वहीं 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण 15 लोगों की मृत्यु हुई है. 1 अगस्त को देहरादून के सहसत्रधारा में स्नान करते समय पैर फिसलने से 2 लोगों की मौत हुई, जो मानवीय भूल की श्रेणी में दर्ज है. इस प्रकार कुल 17 यात्रियों की मृत्यु हुई है. वहीं अलग-अलग स्थानों पर हुए हादसों में 10 लोग घायल हुए और 1 व्यक्ति अभी लापता है. टिहरी में 3, हरिद्वार में 4, देहरादून में 6, चमोली में 1, रुद्रप्रयाग में 3 लोगों की मृत्यु हुई है. विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ ही वायुसेना के चिनूक तथा एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात हैं. 

 

उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के 83 जवान, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा पीआरडी के 168 जवान, पुलिस विभाग के 126, अग्निशमन के 35 कार्मिक अलग-अलग स्थानों पर तैनात हैं. 35 आपदा मित्रों के साथ ही लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कार्यरत 150 मजदूर अवरुद्ध मार्गों को खोलने में लगाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के 12 डाक्टरों के नेतृत्व में 32 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. राजस्व विभाग के 57, जीएमवीएन के 68, खाद्य विभाग के 27 कर्मचारी संबंधित व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाने में जुटे हैं. इस प्रकार कुल कुल 882 जवानध्कार्मिक युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं.

 

फंसे हुए यात्रियों की सुरक्षा रखा जा रहा ध्यान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मांग पर भारत सरकार ने 1 चिनूक तथा 1 एमआई-17 हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर नागरिग उड्डयन विभाग ने भी 5 अन्य हेलीकॉप्टर यात्रियों के रेस्क्यू के लिए उपलब्ध कराए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. जो यात्री अभी भी रुके हैं, जिला प्रशासन की टीमों ने उनके रहने और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की है. उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.