Rudraprayag News: उत्तराखंड में बीते 31 जुलाई को आफत की बारिश हुई थी. जिस कारण केदारनाथ धाम का 16 किलोमीटर का पैदल मार्ग 13 जगहों पर बुरी तरह ध्वस्त हो गए थे. जिस कारण पैदल मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई. वहीं मार्ग को दोबारा शुरू करने के लिए मजदूर जुट गए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.


केदारघाटी में अतिवृष्टि के बाद से कई मार्ग आवाजाही हेतु बंद हो गए थे. जिन्हें खोले जाने के लिए विभिन्न रेस्क्यू टीमें लगातार अभियान चलाए हुए है. अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग के मुख्य स्थान चीरबासा हैलीपैड़ हैली सेवाओं हेतु पूर्णतः बाधित हो गया था. आज कमांडेंट एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम द्वारा बाधित हुए चीरबासा को हैली हेतु सुचारू कर दिया गया है जो रेस्क्यू टीमों के लिए बड़ी राहत है.


रेस्क्यू ऑपरेशन में होगी आसानी
शनिवार दोपहर तक चीरबासा हैलीपैड़ से लगभग 8 से 10 बार हैली सेवा के माध्यम से रेस्क्यू कार्यों को अंजाम दिया जा चुका है. अब हैली सेवाओं के माध्यम से चीरबासा से रेस्क्यू कार्यों को और भी आसानी व सुगमता से किया जा सकेगा. इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार नजर बनाए हुए हैं. शनिवार को भी मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री आवास से रुद्रप्रयाग जिले के डीएम और पुलिस अधीक्षक से वर्चुअली बात कर आपदा संबंधित राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य बचाव दलों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए तत्परता से कार्य कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार हर सम्भव सहायता प्रदान कर रही है. स्वयं बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहा हूं. जल्द ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फंसे सभी लोगों का रेस्क्यू कर लिया जाएगा. स्थानीय नागरिकों समेत 5000 से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. वहीं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मुनकटिया से सोनप्रयाग के बीच पहाड़ी मार्ग से एसडीआरएफ टीम द्वारा अभी तक 300 श्रद्धालुओं को रास्ता पार कराया जा चुका है. रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है.


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