(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Uttarakhand News: केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर की हुई इमरजेंसी लैंडिंग, DGCA करेगा पूरे मामले की जांच
Kedarnath Dham News: केदारनाथ धाम में आज सुबह एक बड़ा हादसा होने से टल गया. हेलीकॉप्टर का रूडल खराब होने से उसकी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. वहीं पिछले 11 सालों में अब तक 10 हादसे हो चुके है.
Uttarakhand News: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में आज शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा होते होते बच गया. दरअसल एक हेलीकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग हुई. जिसमे किसी को कोई चोट नहीं आई. लेकिन हादसा इतना भयानक था की कुछ भी हो सकता था. गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस मामले की जांच डीजीसीए कर रहा है. जांच में जो कुछ सामने आएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि केदारनाथ धाम के लिए 9 ऑपरेटर अपनी हेली सेवाएं दे रहे है. अब इस हादसे के बाद एक बड़ा सवाल उठने लगा है कि ये सभी हेली सेवाएं कितनी सुरक्षित है. वहीं DGCA को भी हादसे की जानकारी दी गई है कि हादसा किन कारणों से हुआ है. उत्तराखंड में हेली सेवा में पिछले 11 सालों मे अब तक 10 हादसे हो चुके है.
हेलीपैड से 100 मीटर पहले हुई आपातकालीन लैंडिंग
दरअसल केदारनाथ धाम में बने हेलीपैड से पहले ही हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी के चलते उसे लैंड करना पड़ा. पायलट की सूझबूझ से सॉफ्ट लैंडिंग हुई और सभी यात्रियों की जान बच गई. क्रिस्टल कंपनी के इस हेलीकॉप्टर में पायलट सहित 6 लोग सवार थे. जिन्होंने सिरसी से केदारनाथ धाम दर्शन के लिए उड़ान भरी थी. जानकारी के मुताबिक क्रिस्टल कंपनी के इस हेली का ये तीसरा राउंड था. वहीं रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन से जारी बयान के मुताबिक केदारनाथ हेलीपैड से लगभग 100 मीटर पहले हेलीकॉप्टर की आपातकालीन लैंडिंग की गई.
रूडल खराब होने के कारण कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग
हेलीकॉप्टर पायलट सहित 6 यात्रियों को लेकर क्रिस्टल एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर सिरसी हेलीपैड से श्री केदारनाथ धाम के लिए निकला था. जिसकी केदारनाथ हेलीपैड से 100 मीटर की दूरी पर कुछ तकनीकी समस्या के कारण सुबह लगभग 7 बजकर पांच मिनट पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी. पायलट समेत सभी 6 यात्री सुरक्षित हैं. जानकारी मिली है कि क्रिस्टल के हेलीकॉप्टर का अचानक रूडल खराब हो गया था. पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई.
ये भी पढ़ें: आगरा में भीषण गर्मी से परेशान हो रहे नर्सरी मालिक, दिन में 3 से 4 बार दिया जा रहा पौधों को पानी