Animal Death In Kedarnath: केदारनाथ धाम में लगातार हो रही घोड़े-खच्चरों की मौत के बाद अब पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. विभाग द्वारा टीम बनाकर केदारनाथ के पैदल मार्ग पर लगातार निरिक्षण किया जा रहा है ताकि घोड़े-खच्चरों के साथ किसी तरह की क्रूरता ना की जाए. बता दें कि अभीतक करीबन 140 से जयादा घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है. जिसका मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंच गया. वहीं इस मामले में संज्ञान लेते हुए अब पशु पालन विभाग द्वारा डाक्टरों की टीम का भी गठन किया गया है. इस पूरे मामले पर खुद पशु पालन मंत्री भी अधिकारियो से फीडबैक ले रहे है. मंत्री का कहना है पशुओं की मौत की जिम्मेदार कुछ हद तक पशु मालिक की भी है. क्योंकि मालिकों ने यात्रा के दौरान पशुओं से ज्यादा काम लिया होगा. जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई.
ज्यादा काम करवाने से हुई पशुओं की मौत
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में हो रही पशुओं की मृत्यु पर विभाग पूरी तरह से गंभीर है. केदानाथ यात्रा के पैदल मार्ग पर जिला पंचायत द्वारा तकरीबन साढ़े 8 हजार घोड़े-खच्चर रजिस्टर्ड कराये गए है. इसके आलावा तकरीबन 600 के करीब बिना रजिस्ट्रेशन के भी घोड़े-खच्चरों से काम लिया जा रहा है. जिनका संचालन अब बंद करा दिया गया है. मंत्री सौरभ बहुगुणा ने खुद माना है कि केदारनाथ यात्रा के पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूरता के कई मामले सामने आये थे. जिसके बाद इसका संज्ञान लेकर कई पशु मालिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. ऐसे तकरीबन 91 पशुमालिक है जो घोड़े-खच्चरों से यात्रा में दो-दो फेरी का काम करा रहे थे और उनके साथ क्रूरता भी कर रहे थे. मंत्री सौरभ बहुगुणा का ये भी कहना ही कि पशुओं की मौत का मुख्य कारण ज्यादा काम लेना बताया गया है,क्योंकि अधिकतर घोड़े-खच्चरों की मौत रात 1 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुई है.
6880 पशुओं का हुआ निरीक्षण
उन्होंने जानकारी दी की केदारनाथ यात्रा मार्ग में अभी तक 140 पशुओं की मृत्यु हुई .विभाग द्वारा अभी तक 6880 पशुओं का निरीक्षण किया गया है. जिनमें 1804 पशुओं को चिकित्सा प्रदान की गई है और 118 पशुओं को यात्रा हेतु अयोग्य पाया गया. इसके साथ ही 91 पशु मालिकों के चालान भी किए गए हैं. 411 पशुओं को यात्रा प्रतिभाग से ब्लॉक भी किया गया और 09 एफ आई आर भी दर्ज़ की गई है. साथ ही निरंतर पानी की चारियों की सफाई व्यवस्था की जा रही है.