Rudraprayag: उत्तराखंड (Uttarakhand) स्थित विश्व विख्यात केदारनाथ धाम (Kedrarnath Dham) से लगभग हर रोज कोई रील सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रही है. बीते दिनों मंदिर परिसर में एक यूट्यूबर द्वारा अपने ब्वायफ्रेंड को अंगूठी पहनाकर प्रपोज किया था, ये वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इसको जमकर ट्रोल किया. इसी तरह की एक और वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें एक व्यक्ति मंदिर के आगे महिला की मांग भरता नजर आ रहा है. इस तरह की वीडियो मंदिर समिति आपत्ति जताते हुए पुलिस को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने की मांग की है.
इस मामले पुलिस ने कहा कि वीडियो बनाने वालों पर नजर रखी जा रही है. मौके पर वीडियो बनाते हुये पाये जाने वालों के खिलाफ आपरेशन मर्यादा के तहत कार्रवाई की जा रही है. इस तरह के मामलों पर तीर्थ पुरोहित समाज ने पुलिस, प्रशासन और मंदिर समिति की व्यवस्था पर सवाल खड़े किये हैं.
इन वायरल वीडियो ने पकड़ा तूल
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में मोबाइल फोन ले जाने और वीडियो बनाने पर रोक है. इस बैन के बावजूद आए दिन मंदिर के गर्भ गृह की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हुए देखी जा सकती हैं. कुछ दिनों पहले एक महिला द्वारा बाबा केदार के लिंग पर जमकर नोट उड़ाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिस पर लोगों ने कड़ी आपत्ती जताई थी. इसके बाद बद्री-केदार मंदिर समिति ने कार्यवाही का आश्वासन दिया था. इस मामले के बाद यूट्यूबर महिला की ब्वायफ्रेंड को प्रपोज करने और एक व्यक्ति द्वारा महिला की मांग भरने की वीडियो वायरल होने के बाद, इस मामले ने तूल पकड़ लिया.
वायरल वीडियो के हाद मंदिर समिति एक्शन में
वीडियो के वॉयरल होने के बाद कई लोगों ने उनकी आस्था को ठेस पहुंचने का आरोप लगा रहे हैं. नेटीजंस ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि केदारनाथ अब मोक्ष धाम नहीं, बल्कि पिकनिक क्षेत्र बनकर रह गया है. लोग यहां दर्शन के लिए नहीं बल्कि रील्स और ब्लॉग बनाने के लिए पहुंच रहे हैं. भक्तों की ओर से कड़ी आपत्ति जताये जाने के बाद बद्री-केदार मंदिर समिति भी एक्शन में आ गई है. मंदिर समिति ने पुलिस को पत्र लिखकर इस प्रकार की वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है. मंदिर के बाहर से लेकर गर्भगृह तक पुलिस और बद्री- केदार मंदिर समिति के लोग मौजूद रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी मंदिर के अंदर के भी वीडियो वायरल होने पर लोग इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं.
क्या कहना है पुलिस का?
पूरे मामले में अब पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ विशाखा भदाणे का कहना है कि मंदिर समिति की ओर से पुलिस को एक पत्र दिया गया है. पत्र में मंदिर समिति ने वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. पुलिस द्वारा पहले से ही ऑपरेशन मर्यादा के तहत इस प्रकार के वीडियो बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. पुलिस की गश्त टीम मंदिर के बाहर और अंदर नजर बनाये हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर के अंदर प्रवेश करने से पहले पुलिस की ओर से सभी भक्तों के फोन बंद कराये जाते हैं. मंदिर के गर्भगृह में फोन का प्रयोग करने पर पहले से ही पाबंदी है.
मंदिर समिति के दावे पर तीर्थ पुरोहित समाज ने उठाये सवाल
तीर्थ पुरोहितों ने पुलिस, जिला प्रशासन और मंदिर समिति की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. केदारसभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने कहा कि तीर्थयात्री बेरोक-टोक मंदिर के गर्भगृह में मोबाइल फोन लेकर जा रहे हैं. जिस व्यवस्था की बात मंदिर समिति कह रही है, ऐसी कोई भी व्यवस्था धाम में दिखाई नहीं दे रही है. पुलिस प्रशासन भी कुछ नहीं कर पा रहा है. जवान भी धाम में मुंह तांकने तक सीमित रह गये हैं. कोई भी तीर्थ यात्रियों को मोबाइल अंदर ले जाने से नहीं रोक रहा है.