Uttarakhand: केदारनाथ धाम में अबतक नहीं हुई दिसंबर में होने वाली बर्फबारी, निचले इलाकों में पड़ रही कड़ाके की ठंड
Kedarnath Dham: रुद्रप्रयाग जनपद के निचले क्षेत्रों में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिले में जहां भी रैन बसेरे हैं, उनमें बेसहारा लोगों को रखने के निर्देश दिये गये हैं.
Uttarakhand News: पहाड़ों में बिना बारिश के कड़ाके की ठंड पड़ रही है. हिमालयी क्षेत्रों में भी अभी तक बर्फबारी (Snowfall) नहीं हुई है. भीषण ठंड के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं दूसरी ओर विश्व विख्यात केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में इन दिनों चार से पांच फीट तक बर्फ जमी रहती थी, लेकिन इस बार अभी तक वहां एक इंच भी बर्फबारी नहीं हुई है. स्थिति यह है कि केदारनाथ की पहाड़ियां भी बर्फ से विरान हैं.
दिसम्बर माह भी गुजरने वाला है, लेकिन हिमालय पर स्थित केदारनाथ धाम में अभी तक बर्फबारी नहीं हुई है, जिसके लिये केदारनाथ धाम जाना जाता है. वैसे इस बार केदारनाथ धाम में अक्टूबर माह से ही बर्फबारी शुरू हो गई थी, लेकिन जैसे ही 27 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद हुये उसके बाद यहां बर्फबारी होने का सिलसिला रूक गया. नवम्बर माह से अभी तक तीन से चार बार ही धाम में बर्फबारी हुई है, लेकिन जितनी भी बर्फबारी हुई है, वह केदारनाथ के हिसाब से बहुत कम हुई है.
बर्फबारी न होने के कारण धाम में द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य भी जारी हैं. वायुसेना के चिनूक हेलीकाप्टर से यहां पुनर्निर्माण सामग्री भेजी जा रही है. लगभग चार सौ मजदूर यहां कार्य करने में जुटे हुये हैं. हालांकि धाम में ठंड बेहद ज्यादा है. यहां ठंड के कारण अब नदी-नालों का पानी भी जमने लगा है. अगर ठंड इसी प्रकार रही तो, कुछ दिनों में सीमेंट से होने वाले कार्य को बंद करना पड़ेगा.
अलाव की व्यवस्था
रुद्रप्रयाग जनपद के निचले क्षेत्रों में भी कड़ाके की ठंड पर रही है. ठंड की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की गई है और लोग घरों से लेकर शहरों में आग सेंक कर ठंड से बचने के प्रयास कर रहे हैं. रुद्रप्रयाग जनपद में जहां भी रैन बसेरे हैं, उनमें बेसहारा लोगों को रखने के निर्देश दिये गये हैं.
डीएम ने क्या कहा
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि, ठंड से निपटने के लिये हमारी तैयारी पूरी हैं. दो प्रकार की तैयारियां की गई हैं. एक जहां बर्फ गिरती है और दूसरी वहां जहां बर्फ नहीं गिरती है. जगह-जगह रेन बसेरों में हीटर, गीजर, गर्म कपड़े आदि की व्यवस्था की गई है, ताकि बेसहारा लोगों को कोई परेशानी न हो. उन्होंने कहा कि केदारनाथ में अभी भी मजदूर कार्य कर रहे हैं. मजदूरों को ठंड से बचाने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं.