(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम में उमड़ा भक्तों का सैलाब, 57 दिनों में इतने लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन
Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ यात्रा बड़े जोर-शोर से चल रही है. पिछली बार की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम में पहुंच रहे हैं. 57 दिनों में आंकड़ा 10 लाख के पार पहुंच चुका है.
Chardham Yatra 2023: केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. मात्र 57 दिनों की यात्रा में केदारनाथ धाम का आंकड़ा 10 लाख पार हो गया है. पिछले साल की तुलना में ये आंकड़ा 20 प्रतिशत ज्यादा है. यात्रा में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों के साथ घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी संचालकों के चेहरे खिले हुए हैं. अभी मानसून सीजन का समय है. ऐसे में माना जा रहा है कि यात्रा का आंकड़ा मानसून सीजन तक 12 लाख पार हो जायेगा.
केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे. तब से लेकर अब तक हजारों की संख्या में हर दिन श्रद्धालु बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं. केदारनाथ यात्रा पड़ावों में श्रद्धालुओं को सस्ते दामों में रहने और खाने की उचित व्यवस्था मिल रही है. केदारनाथ धाम का मौसम भी इन दिनों साफ है. पिछले साल तक जहां 15 जून के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखने को मिलती थी, वहीं इस बार श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 14 से 15 हजार की संख्या दर्ज की जा रही है.
इसके साथ ही यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और यात्रा मार्ग में जगह-जगह रेन शेल्टर का निर्माण किया गया है. इसके साथ ही केदारनाथ में यात्रियों के लिए रहने की सुविधा भी बढ़ाई गई है और सस्ते दामों पर यात्रियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो रही है.
केदारनाथ धाम में सुविधाओं पर काम
डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि केदारनाथ धाम व यात्रा मार्ग के सभी पड़ावों पर वेस्ट मैनेजमेंट के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसमें जन सहभागिता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. हर सप्ताह किसी न किसी क्षेत्र में स्वच्छता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें जिला पंचायत, नगर पालिका, नगर पंचायत, सुलभ इंटरनेशनल, स्वयं सेवी संस्थाएं बढ़-चढकर भागीदारी कर रहे हैं. इसमें गीले व सूखे कूड़े को अलग किया जा रहा है. सूखे कूड़े को काॅम्पेक्ट कर रिसाईकिलिंग के लिए भेजा जाता है. अभी तक 35 से 40 हजार प्लास्टिक की बोतलों को रिसाईकिलिंग के लिए भेजा जा चुका है. इसके साथ ही घोड़े-खच्चरों की लीद एवं बचा हुआ खाद्य पदार्थ को कंपोस्ट किया गया है.
जिलाधिकारी ने कहा कि मानसून को देखते हुए पहले से ही तैयारियां चल रही हैं. यात्रा मार्ग सहित राष्ट्रीय राजमार्ग व अन्य संभावित संवेदनशील भू-स्खलन क्षेत्रों में फोर्स सहित जेसीबी एवं ऑपरेटर तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही कंट्रोल रूम निरंतर कार्य कर रहा है. यदि कहीं किसी तरह की घटना एवं भूस्खलन होता है तो यात्रियों को जगह-जगह सुरक्षित जगह रोककर यात्रा का संचालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान यात्रियों की संख्या में कमी आ जाती है. यदि मौसम ठीक रहता है तो यात्रियों को आगे के लिए भेजा जाएगा.