kedarnath dham yatra 2024: केदारनाथ धाम की इस वर्ष की यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक और प्रेरणादायक रही है. प्राकृतिक आपदा के बावजूद, श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई,बल्कि उनके हौसले और धार्मिक भावना ने कठिनाईयों का सामना किया.राज्य प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने कठिन परिस्थितियों में भी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं के प्रबंध पर विशेष ध्यान दिया,जिससे श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली.


आपदा के बावजूद इस साल तीर्थयात्रा के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आए, और यह संख्या करीब 16 लाख 52 हजार से अधिक रही. रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि जुलाई में आई आपदा के बाद भी प्रशासन की तत्परता से यात्रा मार्ग को एक महीने से कम समय में सुचारू कर दिया गया. यात्रा मार्ग और केदारनाथ धाम में फंसे लगभग 15 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.इस कठिन परिस्थिति में भी श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रही और उन्होंने धाम में आकर बाबा के दर्शन किए.


घोड़े और खच्चरों का काफी उपयोग हुआ
इस यात्रा सीजन में घोड़े और खच्चरों का उपयोग भी काफी हुआ. जिससे संबंधित व्यवसाय में भी भारी लाभ हुआ.नोडल अधिकारी यात्रा एवं मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने बताया कि 4 लाख 79 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने घोड़े-खच्चरों का सहारा लेकर बाबा केदारनाथ के दर्शन किए, जिससे कुल 1 अरब 31 करोड़ 17 लाख रुपए का व्यवसाय हुआ. इसमें से 7 करोड़ से अधिक की राजस्व की प्राप्ति हुई, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला और रोजगार का अवसर भी उत्पन्न हुआ.


विदेश से भी पहुंचे थे श्रद्धालु
हेली सेवाओं का भी इस यात्रा में बड़ा योगदान रहा. जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि 1 लाख 28 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने हेली सेवाओं के माध्यम से यात्रा की. हेली कंपनियों ने इस दौरान लगभग 1 अरब 10 करोड़ रुपए का व्यवसाय किया, जिससे यह साबित होता है कि तीर्थयात्रियों के लिए यह एक लोकप्रिय और समय बचाने वाला विकल्प बना.इस वर्ष की यात्रा में न केवल देश के विभिन्न राज्यों से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे. इस बार केदारनाथ धाम में 249 विदेशी श्रद्धालुओं ने भी बाबा के द र्शन किए.


 स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा ध्यान रखा गया
यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया. प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विमल सिंह गुसांई के अनुसार इस यात्रा सीजन में 1 लाख 98 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार किया गया. इनमें से 1 लाख 57 हजार से अधिक पुरुष और 41 हजार से अधिक महिलाएं शामिल रहीं. कठिन परिस्थितियों के बावजूद, 15 हजार से अधिक लोगों को ऑक्सीजन दी गई और कई श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग भी की गई.आपातकालीन स्थिति में 218 लोगों को एंबुलेंस से और 90 श्रद्धालुओं को हेली सेवा से हायर सेंटर रेफर किया गया.


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