(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chardham Yatra 2023: केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए इस दिन होंगे बंद, सामने आई तारीख
Uttarakhand News: शरद ऋतु आने वाली है ऐसे में चारधाम यात्रा में चारों धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के समय आ गया है.
Kedarnath Dham Door Closed Date: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) इस समय पूरे चरम पर है. जहां हर रोज एक नया रिकॉर्ड बन रहा है. मानसून खत्म होने के बाद एक बार फिर से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है तो वहीं अब चारधाम यात्रा में चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथि की एक-एक कर घोषणा शुरू हो गई है. 15 नवंबर को भैया दूज के दिन यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) और केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट आगामी 6 महीने के लिए बंद हो जाएंगे. जबकि गंगोत्री धाम के कपाट एक दिन पहले 14 नवंबर को बंद हो जाएंगे.
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन प्रवास श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. विजय दशमी को ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने की तिथि श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय होगी. साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी मंगलवार 24 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम में तय की जाएगी.
धार्मिक समारोह आयोजित किया जाएगा
कपाट बंद होने की तिथि घोषित करने के लिए श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में धार्मिक समारोह आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम के मुताबिक, श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मौजूदगी में रावल और धर्माधिकारी पंचांग गणना के बाद कपाट बंद होने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी. इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहेंगे.
कई बार यात्रा को रोकना पड़ा
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि बद्रीनाथ धाम में कपाट बंद होने की तिथि तय करने के कार्यक्रम समारोह में यात्रा वर्ष 2024 के लिए मंदिर भंडार की जिम्मेदारी के तहत मंदिर समिति द्वारा हकहकूक धारियों को पगड़ी भेंट की जाएगी. इस बार चारधाम यात्रा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. हालांकि मानसून में हुई बारिश के चलते कई बार यात्रा को रोकना भी पड़ा था.