Kedarnath Doors Closed: 11 वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ, द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर व तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाटबन्द होने की तिथियां विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी हैं. भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में घोषित तिथि के अनुसार इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट आगामी 15 नवम्बर को भैयादूज पर्व पर वृश्चिक लगन में प्रातः साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जाएंगे. 


कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी और लिनचोली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी. 16 नवम्बर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बड़ासू, फाटा, मैखण्डा, नारायण कोटी, नाला सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा 17 नवम्बर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी से रवाना होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी.


भगवान तुंगनाथ के कपाट कब होंगे बंद
पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने की तिथि भी विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में घोषित की गई. पंचाग गणना के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट आगामी एक नवम्बर को 11 बजे धनु लगन में शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये जाएंगे तथा कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. 


दो नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर बनियाकुंड, दुगलबिट्टा, मक्कूबैण्ड बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुंड पहुंचेगी. तीन नवम्बर को शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर भोज का आयोजन किया जायेगा. 


मदमहेश्वर के कपाट 22 नवम्बर को होंगे बंद 
पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट आगामी 22 नवम्बर को प्रात: आठ बजे वृश्चिक लगन में शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे और चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर कूनचट्टी, मैखम्बा, नानौ, खटारा, बनातोली यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी. 23 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से रवाना होकर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. 


24 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली उनियाणा, राऊलैंक, मनसूना यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी तथा 25  नवम्बर को विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर भव्य मेले का आयोजन किया जायेगा.