Char Dham Yatra 2022: मौसम विभाग (IMD) की ओर से जारी भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट अब सच साबित हो रहा है. केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) सहित हिमालयी क्षेत्रों में जहां जमकर बर्फबारी हो रही है. वहीं निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है. केदारनाथ धाम में मई महीने में दिसम्बर-जनवरी जैसी बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी के कारण धाम में पहुंच रहे यात्रियों को भारी ठंड और परेशानियाों का सामना करना पड़ रहा है.
बर्फबारी और बारिश के कारण एक बार फिर से केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है. जो यात्री मंगलवार सुबह केदारनाथ भेजे गए थे, उन्हे भी सुरक्षित ठिकानों पर रूकने की सलाह दी गई है. 23 और 24 मई को मौसम विभाग ने बर्फबारी और बारिश का अलर्ट जारी किया था.
सुरक्षा के तौर पर यात्रा रोकी गई
इस बारिश और बर्फबारी का बुरा असर केदारनाथ धाम की यात्रा पर पड़ रहा है. 23 मई को जहां दिनभर बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा बंद रही. वहीं आज कुछ देर के लिये यात्रा खुलने के बाद बारिश होने पर फिर से यात्रा को बंद कर दिया गया है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने की सलाह दी जा रही है.
केदारनाथ धाम सहित विभिन्न पड़ावों में हो रही बारिश के बाद तीर्थ पुरोहितों ने तीर्थयात्रियों से अपील की है. उन्होंने कहा कि धाम के साथ ही यात्रा पड़ावों में बारिश हो रही है. ऐसे में प्रशासन ने सुरक्षा के तौर पर यात्रा रोकी है.जब मौसम साफ होगा, तो प्रशासन श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम भेज देगा. श्रद्धालु जहां हैं, वहां पर सुरक्षित रहें और बारिश बंद होने के बाद ही यात्रा करें.
अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए गौरीकुंड और सोनप्रयाग में केदारनाथ दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं को सुबह साढ़े दस बजे के करीब अस्थाई रूप से रोक दिया गया है. उन्होंने बताया कि कल रोके गये यात्रियों को सुबह ही केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए रवाना किया गया. यात्रा मार्ग पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस प्रशासन तथा सभी अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं.उन्होंने जानकारी दी कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर किसी भी प्रकार के भूस्खलन की कोई सूचना नहीं है.
वहीं बार-बार केदारनाथ में मौसम खराब होने से ठंड अधिक बढ़ रही है.जिस कारण केदारनाथ में यात्रियों की मौतें भी अधिक हो रही हैं.20 दिन की यात्रा में जहां तीन लाख से अधिक भक्त बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं.वहीं तीन भक्त अपनी जान भी गंवा चुके हैं. इनमें 29 भक्तों की मौत हार्टअटैक के कारण हुई है. रुद्रप्रयाग के सीएमओ डॉ बीके शुक्ला ने बताया कि अभी तक 30 मौतों में से 29 मौते हार्टअटैक के कारण शुरू हुई हैं. उन्होंने कहा कि गुजराज, दक्षिण भारत, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में ठंड नहीं होती है और वहां के यात्री इस प्रकार की ठंड नहीं पचा पाते हैं.ऐसे में जो भी यात्री यहां आ रहे हैं वह अपने साथ खूब गर्म कपड़े लेकर आये.साथ ही मौसम साफ होने पर यात्रा करे.