Kedarnath News: केदारनाथ (Kedarnath) यात्रा में रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था समाप्त करने के साथ ही यात्रा व्यवस्थाओं में सुधार लाने की मांग को लेकर गुरूवार को सोनप्रयाग (Sonprayag) के व्यापारियों ने बाजार बंद कर दिया है. व्यापारियों का कहना है कि जगह-जगह यात्रियों को रोककर केदारघाटी के व्यापारियों का रोजगार प्रभावित किया जा रहा है और व्यापारियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है.


व्यापारियों ने रखी ये मांगे 


बता दें कि केदारनाथ यात्रा पर सीमित संख्या में तीर्थ यात्री भेजे जा रहे हैं. एक दिन में धाम में 13 हजार तीर्थ यात्री ही दर्शन कर सकते हैं. धाम की यात्रा पर आने के लिये यात्रियों को अपना रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. जो यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के पहुंच रहे हैं, उन्हें पुलिस की ओर से आधे रास्ते से वापस भेजा जा रहा है. यात्रियों के वापस जाने का असर केदारघाटी के रोजगार पर पड़ रहा है. यात्रियों के कम संख्या में पहुंचने से स्थानीय लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है, जिस कारण अब व्यापारी आक्रोशित हो गए हैं और उन्होंने सरकार, शासन और प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही यात्रा पड़ाव के सोनप्रयाग स्थित पार्किंग में बिना टेंडर के दो हजार बेड लगाये जाने से भी व्यापारियों में रोष है. व्यापारियों का कहना है कि जिस व्यक्ति ने यह दो हजार बेड लगाए हैं, उसे किसी ने भी परमिशन नहीं दी है.


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रोजगार हो रहा प्रभावित


गुरूवार को व्यापारियों ने केदारनाथ यात्रा के सबसे मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग बाजार को बंद कर दिया है. यहां एक चाय की दुकान तक नहीं खुली है. व्यापारियों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को समाप्त किया जाए. साथ ही अन्य यात्रा व्यवस्थाओं में सुधार लाया जाए. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत रुद्रप्रयाग की सोनप्रयाग पार्किंग में अवैध रूप से बिस्तर बिछाकर यात्रियों को सुलाया जा रहा है, जिस कारण स्थानीय व्यक्तियों का रोजगार प्रभावित हो रहा है. यह बिस्तर बिना अनुमति के ही बिछाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यात्रा चलने से उम्मीद थी कि केदारघाटी के लोगों का रोजगार भी चलेगा, लेकिन यात्रियों को जगह-जगह रोककर परेशान किया जा रहा है और यहां के लोगों का रोजगार भी प्रभावित किया जा रहा हैं.


वहीं व्यापारियों के आंदोलन को जिला उद्योग व्यापार मंडल ने भी समर्थन दिया है. जिला उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अंकुर खन्ना ने कहा कि सरकार, शासन-प्रशासन को रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को समाप्त कर देना चाहिए. दो साल कोरोना महामारी के कारण केदारघाटी के व्यापारियों का व्यवसाय चौपट रहा है और इस बार रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता होने से सीमित संख्या में ही तीर्थयात्री धाम पहुंच रहे हैं, जिस कारण केदारघाटी के व्यापारियों में निराशा है. उन्होंने कहा कि व्यापार संघ सोनप्रयाग को पूर्ण समर्थन देते हुए आंदोलन में साथ दिया जायेगा.


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