Uttarakhand News: मानसून सीजन में सड़क मार्गो पर सफर करना मुश्किल हो जाता है. ऊपरी पहाड़ी से कब मलबा गिर जाए या पहाड़ी दरक जाय, कहा नहीं जा सकता. ऑल वेदर कार्य के बाद से केदारनाथ और बद्रीनाथ हाईवे पर कई डेंजर जोन उभर आये हैं, जिस कारण राजमार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं रह गया है. बीती रात को हुई बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे पर दो घटनाएं घट गई.
बस पर गिरे पत्थर
केदारघाटी में हो रही बारिश के कारण राजमार्ग पर पहाड़ियां भी दरकने लगी हैं और मलबा भर-भरकर राजमार्ग पर आ रहा है. बीती रात हुई बारिश का असर रविवार को देखने को मिला. सीतापुर पार्किंग के नजदीक ही एक हिमगिरि बस के आगे के हिस्से यानि चालक की तरफ वाले हिस्से पर अचानक से ऊपर पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर एवं चट्टानी टुकड़े गिरने से बस क्षतिग्रस्त हो गयी. गनीमत ये रही कि बस में कोई यात्री सवार नहीं थे. बस चालक सुभाष टिहरी के निवासी हैं. मौके पर पुलिस ने पहुंचकर सड़क पर गिरे पत्थरों को हटवाकर यातायात सामान्य करवाया.
दो यात्री हुए गंभीर रुप से घायल
बस को क्रेन और अन्य साधनों के माध्यम से पीछे सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. इसके अलावा केदारनाथ राजमार्ग के काकड़ागाड़ से करीब तीन सौ मीटर की दूरी पर कुंड की ओर पहाड़ी से अचानक पत्थर गिरने की वजह से सोनप्रयाग को जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. ड्राइवर के सामने वाले शीशे से बस के अंदर आये पत्थर के कारण दो लोग आकाश मलिक पुत्र महेश मलिक निवासी सिटी झांसी उत्तर प्रदेश (उम्र 26 वर्ष) और अमर सिंह पुत्र केवल सिंह निवासी गढ़ी मनियावाला तहसील धामपुर जिला बिजनौर (उम्र 28 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गए. घायलों को तत्काल 108 एम्बुलेन्स के माध्यम से सरकारी अस्पताल अगस्त्यमुनि के लिए रवाना किया गया. वाहन चालक अनिल प्रसाद निवासी पुनाड़ रुद्रप्रयाग की ओर से मौके पर जब पहाड़ी से पत्थर गिर रहे थे तो सूझबूझ और जीवटता का परिचय देते हुए कुछ पलों के भीतर ही बस को तुरंत बैक गियर में लेकर पीछे सुरक्षित स्थान पर लाकर रोका गया.
आपदा प्रबंधन अधिकारी ने ये बताया
इस बीच बस में बैठे अन्य यात्रियों की भी चीख पुकार मचने लगी. सभी यात्रियों को सुरक्षित बस से नीचे उतारा गया. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि बीती रात भर हुई बारिश के कारण जनपद रुद्रप्रयाग के दो स्थानों पर घटनायें घटित हुई हैं. पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर यात्रियों की मदद करते हुए उन्हें सरकारी अस्पताल अगस्त्यमुनि भेजा गया.