Kedarnath Snowfall: बर्फबारी के बाद केदारघाटी के पर्यटक स्थलों में उमड़ी पर्यटकों की भीड़, लोगों को मिल रहे रोजगार के अवसर
Rudraprayag News: मिनी स्विट्जरलैंड के रूप में प्रसिद्ध चोपता-दुगलबिटटा में जमकर बर्फबारी हो रही है. पेड़-पौधों से लेकर चोपता-बद्रीनाथ हाईवे (Chopta-Badrinath Highway) पर बर्फ की मोटी परत जमी है.
Rudraprayag News: केदारघाटी (Kedarghati) के पर्यटक स्थलों में बर्फबारी के बाद भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. मिनी स्विट्जरलैंड चोपता से लेकर सुरम्य मखमली बुग्यालों के बीच बसे देवरियाताल में पर्यटकों की भरमार है. इसके अलावा शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनाराण में भी भक्त बड़ी संख्या में बर्फबारी का आनंद उठाने के लिए पहुंच रहे हैं. पर्यटकों की संख्या बढ़ने से यहां के लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं.
बीते दिनों केदारघाटी के प्राकृतिक स्थलों को प्रकृति ने बर्फबारी से सजाया है. खासकर मिनी स्विट्जरलैंड के रूप में प्रसिद्ध चोपता-दुगलबिटटा में जमकर बर्फबारी हुई है. यहां तीन फीट से अधिक बर्फबारी हुई है. बर्फबारी के बाद भारी संख्या में यहां पर्यटक पहुंच रहे हैं. चोपता की हसीन वादियां पूरी तरह अभी भी बर्फ से ढ़की हैं. यहां पेड़-पौधों से लेकर चोपता-बद्रीनाथ हाईवे पर बर्फ की मोटी परत जमी है. वहीं दूसरी ओर सुरम्य मखमली बुग्यालों के बीच में स्थित देवरियाताल पर्यटक स्थल का नजारा इन दिनों देखते ही बन रहा है. सारी गांव से तीन किमी का सफर तय करने के बाद देवरियाताल पहुंचा जाता है. ताल और ताल के चारों ओर गिरी बर्फ का आनंद लेने के लिये पर्यटक भारी संख्या में पहुंच रहे हैं.
देवरियाताल को लेकर यह है मान्यता
देवरियाताल की मान्यता है कि इंद्र देव और बाकि देवता इसी देवरिया ताल झील में स्नान किया करते थे. इसी कारण इसका नाम देवों की झील देवरिया ताल पड़ा. इसी के साथ इसका दूसरा नाम इंद्र सरोवर भी है. अर्थात देव इंद्र के स्नान करने का सरोवर. देवरिया ताल झील का महाभारत से संबंध जुड़ा हुआ है. पांडवों को द्यूत खेल के बाद 13 वर्ष का वनवास काल मिला था. तब वनवास काल में यक्ष के द्वारा पांचों पांडवों से पूछे जाने वाले प्रश्न की कथा तो हम सभी ने सुनी होगी. उसी कथा का संबंध इस झील से है.
मान्यता है कि यक्ष ने पांचों पांडवों से प्रश्न इसी झील के पास पूछे थे. देवरिया ताल के निर्माण के लिए भी पांडवों का योगदान बताया गया है.एक अलग मान्यता के अनुसार, जब पांडवों को प्यास लगी थी, तब भीम ने अपनी शक्ति से देवरिया ताल झील का निर्माण किया था.जिससे सभी पांडवों की प्यास बुझी थी.इसी के साथ यक्ष भी इसी झील में निवास करते हैं, ऐसी मान्यता भी प्रचलित है. देवरियाताल और चोपता पहुंच रहे पर्यटक यहां की बर्फबारी देखकर बहुत खुश हैं. पर्यटकों का कहना है कि वह यहां बर्फबारी का आनंद लेने के लिये आए हैं. केदारघाटी में अनेक पर्यटक स्थल हैं, जो बेहद खूबसूरत हैं.
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