गोपेश्वर, एजेंसी। केदारनाथ मंदिर के द्वार 29 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मंदिर के द्वार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खोले जाएंगे। उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित एक धार्मिक समारोह में केदारनाथ मंदिर के द्वार खोले जाने के दिन और मुहूर्त की घोषणा की गई।


बता दें कि, सर्दियों में भगवान केदार की पूजा उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में होती है। पुजारी 25 अप्रैल को भैरवनाथ की पूजा करेंगे। इसके बाद 26 अप्रैल को फूलों से सजी पालकी में भगवान शिव की प्रतिमा उखीमठ से रवाना होगी।



पालकी को अपने कंधों पर रख कर श्रद्धालु फाटा और गौरीकुंड होते हुए 28 अप्रैल को केदारनाथ पहुंचेंगे। थपलियाल ने बताया कि 29 अप्रैल को सुबह छह बज कर दस मिनट पर 'मेष लग्न' में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर के द्वार पुन: खोल दिए जाएंगे।


यहां यह भी बता दें कि केदारनाथ धाम में कई बदलाव भी हुए हैं। केदारनाथ धाम में मंदिर के ठीक आगे 39 मीटर चौड़े गोल चबूतरे का निर्माण किया गया है। यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री इकट्टा होकर केदारपुरी का सुंदर नजारा निहार सकते हैं। पूर्व में चबूतरे की लम्बाई 18 मीटर थी जो अब बढ़ाकर 39 मीटर कर दी गई है।


गौरतलब है कि, 30 अप्रैल को भगवान बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। कपाट ब्रह्म मुहूर्त में प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट पिछले साल 17 नवंबर को शाम 5:13 बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए थे।



श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में विजय दशमी के दिन आयोजित भव्य धार्मिक समारोह में श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने कपाट बंद होने की घोषणा की थी।