केदारनाथ में फटा बादल, गौरीकुंड से बह रहा गर्म कुंड, रास्ते पर बिखरे पड़े हैं बड़े-बड़े बोल्डर
Kedarnath Cloud Burst: केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली और भीम बली में बादल फटने से करीब 50 से 200 तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं. री बोल्डर आने से मार्ग का 30 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है.
Kedarnath Cloud Burst: पूरे देश में मानसून ने दस्तक दे दी है और जगह-जगह भीषण बारिश हो रही है. इसी बीच केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली के पास बादल फटने की घटना सामने आई है. आज केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली में बादल फटने से मंदाकिनी का जल स्तर अत्यधिक बढ़ गया है. बादल फटने से नाले उफान पर आ गए. इस हादसे में अभी कोई जनहानि की खबर नहीं है.
केदारनाथ पैदल मार्ग में भीम बली में बादल फटने से करीब 50 से 200 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं. भारी बोल्डर आने से मार्ग का 30 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही बंद हो गई है. मूसलाधार बारिश के बाद बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. प्रशासन की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है.
पत्थर गिरने से नदी झील में हुई तब्दील
केदारनाथ में कई घंटे से हो रही बारिश और लिनचोली और महाबली के पास पत्थर गिरने से मंदाकिनी नदी झील जैसी दिखने लगी है. गौरीकुंड में गर्म कुंड बह गया है. पैदल मार्ग पर बोल्डर आ गए. गौरीकुंड और सोनप्रयाग में लोग डरकर चिल्लाते हुए इधर उधर भागने लगे.
अलर्ट रहने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश के चलते आपदा प्रबंधन सचिव से फोन पर अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों एवं राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली. साथ ही सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
प्रशासन ने की सतर्क रहने की अपील
फिलहाल केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग जगह-जगह बंद है और यात्रा भी फिलहाल रोकी गई है. बारिश से हालात अस्त-व्यस्त हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. भारी बारिश से कई संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं. वहीं भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है.
डीएम के आदेश पर यात्रा रोकी गई
DM रुद्रप्रयाग सौरभ गहरवार के आदेश पर यात्रा रोक दी गई है. यात्रियों को हेलीपैड और अन्य स्थानों पर सुरक्षित ले जाया गया. SDRF के जवानों ने मंदाकिनी नदी किनारे मोर्चा संभाला और लोगों को हटाया. सोनप्रयाग का अस्पताल खाली कर लोगों को त्रिजुगीनारायण रोड की तरफ ले जाया गया.
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