Heavy Rains in Uttarakhand: तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण हालत अस्त-व्यस्त हो गये हैं. बारिश के कारण तीन दिनों से जहां केदारनाथ धाम की यात्रा बंद पड़ी हुई है. वहीं बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे भी जगह-जगह भूस्खलन से बंद पड़े हैं. यात्री जगह-जगह फंसे हुये हैं. यात्रियों के सामने अब रहने और खाने की भी दिक्कतें आ गई हैं. यात्रियों को बारिश के बीच खुले आसमान में रात गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है. होटल, रेस्टोरेंट सहित अन्य व्यवसायियों ने अचानक से रेट दुगने कर दिये हैं. प्रशासन की ओर से भी यात्रियों की मदद नहीं की जा रही है. ऐसे में यात्री परेशान हैं.
रुद्रप्रयाग जनपद में तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के चलते आम-जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश का सबसे बुरा असर केदारनाथ धाम की यात्रा पर पड़ा है. तीन दिनों से धाम की यात्रा बंद होने के कारण यात्री जगह-जगह फंसे हुये हैं. लगातार बारिश होने से अब केदारनाथ और बद्रीनाथ हाईवे भी जगह-जगह भूस्खलन होने के कारण बंद हो गये हैं. यात्री गौरीकुंड, सोनप्रयाग, फाटा, गुप्तकाशी, सीतापुर, अगस्त्युनि व रुद्रप्रयाग सहित अन्य यात्रा पड़ावों पर फंस गये हैं.
सुरक्षा की दृष्टि से यात्रियों को रोका जा रहा है
यात्रियों को केदारनाथ भी नहीं जाने दिया जा रहा है. सुरक्षा की दृष्टि से यात्रियों को रोका जा रहा है. यात्रियों को अब यात्रा पड़ावों पर रहना और खाना मिलना मुश्किल हो गया है. अगर रूम और खाना भी मिल रहा है तो कई अधिक दामों पर मिल रहा है. 10 रूपये के सामान को 20 का बेचा जा रहा है. ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानियों से होकर गुजरना पड़ रहा है. प्रशासन की ओर से भी कोई व्यवस्थाएं नहीं की जा रही हैं और स्थानीय व्यवसासियों की ओर से यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है.
अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर बह रही हैं
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश होने से अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर बह रही हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी ने खतरे के निशान को पार कर दिया है. नदी किनारे स्थित घरों तक भी पानी पहुंच गया है. नदी किनारे स्थित घाटों का कही कुछ अता-पता नहीं है. अलकनंदा नदी में हजारों टन मलबा बहकर आ रहा है. बारिश इसी तरह जारी रही तो दिक्कतें और भी बढ़ सकती हैं.
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