Uttarakhand News: चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2023) को लेकर श्रद्धालुओं में इस बार भारी उत्साह देखा जा रहा है. खासकर केदारनाथ धाम की बात की जाए तो भारी संख्या में श्रद्धालु धाम में दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, लेकिन केदारनाथ धाम में बाबा के दर्शन के अलावा श्रद्धालु ध्यान गुफा में भी काफी रुचि ले रहे हैं. यह वही ध्यान गुफा है जिसमें 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्यान लगाया था. इसके बाद से इस ध्यान यात्रा की बंपर बुकिंग की जा रही है. ध्यान गुफा की इस साल जून तक की बुकिंग फुल बताई जा रही है.


चार धाम यात्रा में आने के लिए श्रद्धालु इस बार बंपर बुकिंग कर रहे हैं. श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा अब तक हुए रजिस्ट्रेशन से लगाया जा सकता है, क्योंकि अब तक तकरीबन 13 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारों धामों में दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. वहीं अकेले केदारनाथ में यह संख्या 5 लाख के करीब पहुंच गई है, लेकिन इन सबके अलावा श्रद्धालुओं के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र केदारनाथ में ध्यान गुफा है. इस ध्यान गुफा के लिए भी लगातार बुकिंग की जा रही है. जीएमवीएन केदारनाथ में बनी ध्यान गुफा का संचालन करता है. जीएमवीएन का कहना है कि ध्यान गुफा के लिए श्रद्धालु जमकर बुकिंग कर रहे हैं और अब तक तकरीबन जून तक की बुकिंग फुल हो चुकी है. यह ध्यान गुफा जीएमवीएन के लिए आमदनी का भी बड़ा जरिया बन रही है.


इस गुफा में ले रहे ज्यादा दिलचस्पी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ की पहाड़ियों पर तीन ध्यान गुफाएं बनाई गईं हैं. इनमें से जिस गुफा में प्रधानमंत्री मोदी ने ध्यान लगाया था, उसकी जून तक की बुकिंग फुल हो चुकी है. यह गुफा मंदिर से लगभग 800 मीटर दूर पीआर मंदाकिनी नदी के दूसरी ओर दुग्ध गंगा के पास स्थित है. जीएमवीएन ने इस गुफा का बुकिंग रेट ₹3000 रखा है. इसके अलावा वहां दो अन्य गुफाएं भी हैं जिसकी ऑफलाइन बुकिंग की जा रही है, लेकिन श्रद्धालु उस गुफा में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्यान लगाया था.


केदारनाथ की पहाड़ियों पर स्थित प्राकृतिक गुफाओं को ध्यान गुफा के रूप में तैयार किया गया है. साल 2018 में एक गुफा का निर्माण नेहरू पर्वतोरोहण संस्थान ने किया था. उसके बाद 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गुफा में ध्यान लगाया था. उसके बाद से यह ध्यान गुफा आकर्षण का केंद्र बनी रही है. श्रद्धालु लगातार यहां आकर ध्यान लगाते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं.


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